ईद-उल-अजहा के मौके पर दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में बड़ी संख्या में लोगों ने सुबह की नमाज अदा की। नमाज के लिए तड़के से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था, और तकरीबन सुबह 6 बजे सामूहिक नमाज पढ़ी गई।
इस अवसर पर जामा मस्जिद के नायब शाही इमाम मौलाना सैयद शाबान बुखारी ने कहा कि यह दिन कुर्बानी से अधिक अल्लाह के हुक्म की तामील और आत्मसमर्पण का प्रतीक है। उन्होंने लोगों से अपील की कि कुर्बानी सिर्फ निर्धारित और बंद स्थानों पर ही करें। सार्वजनिक स्थलों जैसे सड़कों या गलियों में कुर्बानी से बचें और पड़ोसियों की भावनाओं का विशेष ध्यान रखें। उन्होंने यह भी कहा कि कुर्बानी के दृश्यों को सोशल मीडिया पर साझा करना गलत है क्योंकि यह आस्था और इंसानियत—दोनों के खिलाफ है। यह इबादत है, इसे नफरत का कारण न बनने दें।
मस्जिद के आसपास की गलियों में सजी मिठाई और सेवईं की दुकानों पर भारी भीड़ देखी गई। 35 वर्षों से शीरखुर्मा और मेवे की दुकान चला रहे दुकानदार नदीम ने बताया कि यह पर्व केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आपसी प्रेम और भाईचारे का संदेश भी लेकर आता है। इस बार बाजारों में पहले से अधिक रौनक देखने को मिल रही है।
दिल्ली पुलिस ने भी त्योहार के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है। चेकिंग का सिलसिला शनिवार रात से ही जारी है। भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों और प्रमुख बाजारों में अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं ताकि शांति व्यवस्था बनी रहे।