दिल्ली में कोविड-19 संक्रमण के चलते एक और व्यक्ति की मृत्यु हुई है। मृतक 65 वर्षीय बुजुर्ग थे, जो पहले से ही मुख कैंसर और किडनी की बीमारी से पीड़ित थे। अब तक राजधानी में कोरोना के कारण 13 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि सक्रिय मामलों की संख्या 620 के आसपास है।
बीते 15 जून को संक्रमण से एक ही दिन में तीन मौतें दर्ज की गई थीं, जो इस साल का अब तक का सबसे अधिक आंकड़ा है। इनमें दो महिलाएं और एक पुरुष शामिल थे। मृतकों में 57 वर्षीय महिला मधुमेह और फेफड़ों की समस्या से जूझ रही थीं। इसी उम्र के पुरुष को भी शुगर और सांस संबंधी दिक्कतें थीं, जबकि 83 वर्षीय वृद्धा को मधुमेह, उच्च रक्तचाप और फेफड़ों की बीमारी थी।
हालांकि, बीते कुछ दिनों में सक्रिय मामलों में गिरावट देखी गई है। शनिवार को मरीजों की संख्या घटकर 672 रह गई थी और उस दिन कोई नया केस सामने नहीं आया। स्वास्थ्य विभाग के कोविड डैशबोर्ड के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 212 मरीजों ने संक्रमण से उबर लिया है। राजधानी में एक जनवरी 2025 से अब तक कुल 1,960 कोरोना के मामले सामने आए हैं, जिनमें 13 की मृत्यु हुई है। संक्रमण के कुल आंकड़ों के लिहाज से दिल्ली देश में दूसरे स्थान पर है।
नया कोविड स्ट्रेन: कितना है खतरा?
कोरोना वायरस के नए वैरिएंट तेजी से फैलने की प्रवृत्ति रखते हैं, लेकिन ये पहले की तरह घातक नहीं भी हो सकते। चिकित्सकों के अनुसार बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं, छोटे बच्चे और पहले से बीमार लोग संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। लक्षण मामूली सर्दी से लेकर गंभीर सांस की तकलीफ तक हो सकते हैं।
सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
- बुखार या ठंड लगना
- सूखी खांसी
- गले में खराश
- सिरदर्द व बदन में दर्द
- अत्यधिक थकान
- स्वाद या गंध में कमी
- सांस लेने में कठिनाई
विशेषज्ञों की सलाह
चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना के मामलों में मामूली बढ़ोतरी घबराने की बात नहीं है। हालांकि जिन लोगों को बुखार या सर्दी के साथ सांस लेने में परेशानी हो रही हो, उन्हें चिकित्सीय परामर्श जरूर लेना चाहिए। अधिकतर संक्रमित घर पर इलाज से ही ठीक हो रहे हैं, इसलिए स्थिति को लेकर अत्यधिक चिंता या अस्पताल जाने की जल्दबाजी की आवश्यकता नहीं है।