जम्मू के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान में चलाए गए ऑपरेशन ‘सिंदूर’ से बौखलाए पाकिस्तान ने जम्मू के आप शंभू मंदिर पर मिसाइल हमला किया। मिसाइल मंदिर के मुख्य द्वार के पास आकर गिरी। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और जम्मू के प्राचीनतम मंदिरों में से एक माना जाता है। महाशिवरात्रि के पर्व पर यहां विशेष आयोजन होते हैं और बड़ी संख्या में भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं। मंदिर से जुड़े कई धार्मिक मान्यताएं और चमत्कार हैं, जो इसकी पवित्रता को और अधिक बढ़ाते हैं।
आप शंभू मंदिर: आस्था और पौराणिक महत्व
जम्मू को मंदिरों का शहर कहा जाता है। जम्मू से लगभग 15 किलोमीटर दूर रूप नगर में स्थित आप शंभू मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर का पौराणिक महत्व है और इसे एक ऐतिहासिक धरोहर माना जाता है।
रंग बदलता शिवलिंग
इस मंदिर का प्रमुख आकर्षण यहां स्थित प्राकृतिक शिवलिंग है। स्थानीय पुजारियों और श्रद्धालुओं का मानना है कि शिवलिंग का रंग शुक्ल पक्ष में हल्का भूरा और कृष्ण पक्ष में गहरा भूरा हो जाता है।
मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा
मंदिर के इतिहास से जुड़ी एक प्रसिद्ध कहानी है। प्राचीन समय में मंदिर के आसपास घना जंगल हुआ करता था। एक गुज्जर व्यक्ति अपनी मवेशियों को चराने के लिए यहां लाया करता था। उसकी एक गाय जो भरपूर दूध देती थी, रोज जंगल में जाकर गायब हो जाती थी। एक दिन गुज्जर ने गाय का पीछा किया और देखा कि गाय एक स्थान पर खड़ी है और उसके थनों से दूध अपने आप जमीन पर गिर रहा है।
शिवलिंग पर कुल्हाड़ी का प्रहार
गुज्जर ने जब वहां जाकर देखा, तो उसे एक पत्थर दिखा। गुस्से में आकर उसने कुल्हाड़ी से पत्थर पर वार कर दिया, जिससे पत्थर के दो टुकड़े हो गए और उसमें से रक्त बहने लगा। यह देखकर गुज्जर भयभीत हो गया और गांव वालों को बुलाया। लोगों ने पूजा-अर्चना कर भगवान शिव से क्षमा याचना की। तभी से इस स्थान को ‘आप शंभू मंदिर’ के नाम से जाना जाने लगा।
मंदिर की विशिष्टता
मंदिर के शिवलिंग से जुड़े रहस्य और इसके रंग बदलने की घटना ने लोगों की आस्था को और भी प्रगाढ़ कर दिया है। यहां विशेष रूप से महाशिवरात्रि पर भक्तों का भारी जमावड़ा होता है। यह मंदिर न सिर्फ धार्मिक बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।