ब्राजील में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जिम्मेदार उपयोग की वैश्विक आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि सभी देशों को इस दिशा में समन्वित प्रयास करने होंगे। उन्होंने जानकारी दी कि भारत अगले वर्ष AI इम्पैक्ट समिट आयोजित करेगा और सभी सदस्य देशों से इसमें सक्रिय भागीदारी की अपेक्षा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘AI फॉर ऑल’ के सिद्धांत के तहत भारत आज कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और शासन जैसे अनेक क्षेत्रों में AI का व्यापक और प्रभावी उपयोग कर रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि नवाचार को बढ़ावा देने के साथ-साथ AI से जुड़ी चिंताओं का समाधान भी उतना ही आवश्यक है। वैश्विक स्तर पर ऐसे मानकों की आवश्यकता है, जो डिजिटल सामग्री की प्रमाणिकता की पुष्टि कर सकें और यह सुनिश्चित करें कि जानकारी का स्रोत पारदर्शी रहे तथा इसका दुरुपयोग रोका जा सके।
महत्वपूर्ण खनिज और तकनीक का हो जिम्मेदार उपयोग
सम्मेलन में ‘बहुपक्षीयता, आर्थिक और वित्तीय मुद्दों तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मजबूती’ पर आधारित सत्र में प्रधानमंत्री ने वैश्विक शक्तियों को संदेश देते हुए कहा कि अत्यावश्यक खनिजों और आधुनिक तकनीकों के मामले में सहयोग बढ़ाने के साथ-साथ उनकी आपूर्ति श्रृंखलाओं को भी सुरक्षित और टिकाऊ बनाया जाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी देश इन संसाधनों का इस्तेमाल स्वार्थवश या दबाव बनाने के हथियार के रूप में नहीं करे – यह सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है।
बढ़ती वैश्विक चुनौतियों के बीच BRICS की भूमिका अहम
भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स मंच से वैश्विक समुदाय को कई अहम संदेश दिए। उन्होंने कहा कि जब पूरी दुनिया विभिन्न चुनौतियों और अनिश्चितताओं से जूझ रही है, ऐसे समय में BRICS की भूमिका और प्रभावशीलता तेजी से बढ़ रही है। अब समय आ गया है कि ब्रिक्स सदस्य देश मिलकर यह चिंतन करें कि यह समूह भविष्य में एक बहुध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था को किस प्रकार दिशा और नेतृत्व दे सकता है।