रविवार को यमन के समीप लाल सागर में एक वाणिज्यिक जहाज पर सशस्त्र हमलावरों ने हमला कर दिया। ब्रिटेन स्थित समुद्री सुरक्षा एजेंसी यूनाइटेड किंगडम मरीन ट्रेड ऑपरेशंस (UKMTO) के अनुसार, हमलावरों ने जहाज पर गोलियां चलाईं और रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (RPG) का इस्तेमाल भी किया।
UKMTO: स्थिति अब भी अनिश्चित
यूकेएमटीओ के अनुसार, जहाज पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने जवाबी कार्रवाई की है, लेकिन हालात अब भी पूरी तरह नियंत्रण में नहीं हैं। एजेंसी ने कहा कि इस हमले की जांच की जा रही है और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस हमले के पीछे कौन है।
हूती विद्रोहियों पर शक
हालिया महीनों में यमन के हूती विद्रोहियों ने इस क्षेत्र में व्यापारिक और सैन्य जहाजों को बार-बार निशाना बनाया है। वे गाजा में इस्राइल के सैन्य अभियान का विरोध करते हुए हमलों की जिम्मेदारी लेते रहे हैं। नवंबर 2023 से जनवरी 2025 के बीच हूतियों द्वारा किए गए 100 से अधिक ड्रोन और मिसाइल हमलों में दो जहाज डूबे और चार नाविकों की जान चली गई। इस वजह से लाल सागर का समुद्री व्यापार मार्ग प्रभावित हुआ है, जो वैश्विक व्यापार के लिए महत्वपूर्ण है।
हवा में तनाव: मध्य पूर्व में बढ़ता संघर्ष
यह हमला उस समय हुआ है जब इस्राइल-हमास युद्ध, अमेरिका-ईरान टकराव और ईरान पर अमेरिकी हवाई हमले जैसे मामलों के कारण पूरा क्षेत्र पहले से ही संवेदनशील स्थिति में है। हाल ही में मार्च 2025 में अमेरिका ने हूती ठिकानों पर बड़ा हमला किया था, जिसके बाद हूतियों ने एकतरफा संघर्ष विराम तोड़ते हुए इस्राइल की ओर मिसाइलें दागीं, हालांकि किसी जहाज पर सीधा हमला उस समय से नहीं किया गया था।
यमन में लगातार गृहयुद्ध और क्षेत्रीय अशांति
यमन में पिछले एक दशक से हूती विद्रोहियों और निर्वासित यमनी सरकार के बीच संघर्ष जारी है। सऊदी अरब के नेतृत्व वाला गठबंधन यमनी सरकार का समर्थन कर रहा है, लेकिन युद्ध अब जमीनी स्तर पर ठहराव की स्थिति में है।
समुद्री डकैती का खतरा भी बरकरार
इसके अतिरिक्त, इस क्षेत्र में सोमालियाई समुद्री लुटेरों की गतिविधियां भी चिंता का विषय हैं। हालांकि उनका उद्देश्य आमतौर पर लूटपाट या फिरौती के लिए बंधक बनाना होता है, लेकिन इससे क्षेत्र की समुद्री सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ता है।