लखनऊ में दिव्यांग बच्ची से दुष्कर्म का आरोपी मुठभेड़ में ढेर, पुलिस ने 24 घंटे में किया था ट्रेस

लखनऊ के आलमबाग थाना क्षेत्र में 5 जून को तीन साल की दिव्यांग बच्ची के साथ दुष्कर्म की दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई थी। मामले में सक्रियता दिखाते हुए पुलिस ने आरोपी दीपक वर्मा को 24 घंटे के भीतर पहचान लिया और उसे तलाशने में जुट गई। गुरुवार देर रात देविखेड़ा रोड, कैंट-आलमबाग बॉर्डर के पास आरोपी और पुलिस टीम के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें आरोपी को गोली लगी। घायलावस्था में उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

यह शर्मनाक घटना आलमबाग के चंदन नगर मेट्रो स्टेशन के पास हुई थी, जहां मासूम के साथ दरिंदगी की गई। बच्ची की गंभीर हालत को देखते हुए उसे पहले लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया गया और फिर केजीएमयू रेफर कर दिया गया। फिलहाल बच्ची का इलाज जारी है और उसकी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

पुलिस ने ऐसे पकड़ा आरोपी का सुराग
घटना की जानकारी मिलते ही डीसीपी मध्य आशीष कुमार श्रीवास्तव ने तत्काल एक्शन लेते हुए पांच विशेष टीमें गठित कीं। टीमें सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय जानकारियों के आधार पर जांच में जुट गईं। इसी प्रक्रिया में आरोपी की पहचान दीपक वर्मा के रूप में हुई और उसकी गिरफ्तारी के लिए ₹1 लाख का इनाम भी घोषित किया गया।

मुठभेड़ में आरोपी ने की थी फायरिंग
गुरुवार रात डीसीपी क्राइम ब्रांच और आलमबाग पुलिस की टीमों ने देविखेड़ा रोड पर आरोपी को घेर लिया। पुलिस के अनुसार, उसे रोकने की कोशिश की गई तो उसने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली से वह गंभीर रूप से घायल हो गया और बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

डीसीपी का बयान
डीसीपी मध्य आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपी के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था और पुलिस लगातार उसकी तलाश में लगी थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि मुठभेड़ के दौरान आत्मरक्षा में पुलिस ने गोली चलाई।

घटना के बाद बच्ची के परिजनों और स्थानीय लोगों में आक्रोश था, जिन्होंने सख्त कार्रवाई की मांग की थी। सोशल मीडिया पर भी मामले को लेकर जनाक्रोश देखने को मिला। पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया है।

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