भारत ने सिंधु नदी के बाद अब चिनाब नदी के पानी पर भी नियंत्रण बढ़ाने की योजना बनाई है। मोदी सरकार ने चिनाब नदी से जुड़ी रणबीर नहर के विस्तार का फैसला किया है, जिससे जम्मू-कश्मीर के बड़े हिस्से में सिंचाई के लिए अधिक पानी उपलब्ध होगा। इस कदम से पाकिस्तान, जो पहले से ही पानी की कमी से जूझ रहा है, और अधिक प्रभावित होगा।
भारत-पाकिस्तान के बीच 1960 में सिंधु जल संधि हुई थी, जिसमें भारत को पूर्वी नदियों का नियंत्रण मिला जबकि पश्चिमी नदियाँ पाकिस्तान को दी गईं। भारत को पश्चिमी नदियों से सीमित सिंचाई और बिजली उत्पादन के लिए पानी इस्तेमाल करने का अधिकार है। रणबीर नहर के विस्तार से भारत इन अधिकारों का अधिकतम लाभ उठाएगा, जिससे पाकिस्तान की जल सुरक्षा पर दबाव बढ़ेगा।
पाकिस्तान की लगभग 80% कृषि भूमि सिंधु नदी प्रणाली पर निर्भर है, और इस पानी से 93% सिंचाई होती है। करीब 23 करोड़ लोग भी इसी नदी पर जीवन यापन करते हैं। सिंधु नदी पाकिस्तान की जीडीपी में 25% योगदान देती है और इसके जल विद्युत संयंत्र भी इसी पर आधारित हैं। इस कारण भारत का यह कदम पाकिस्तान के लिए बड़ी चिंता का विषय है।
मौजूदा हालात में भारत ने पहले ही सिंधु जल संधि खत्म कर दी है और अब चिनाब नदी के पानी पर नियंत्रण बढ़ाकर अपनी जल नीति सख्त कर रहा है। इससे क्षेत्रीय जल विवाद और गहराने की संभावना है।