हिमाचल प्रदेश में मानसून के दौरान इस वर्ष प्राकृतिक आपदाओं ने गंभीर तबाही मचाई है। 20 जून से शुरू हुई खराब मौसम की स्थिति में अब तक 69 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 37 लोग अभी तक लापता हैं। रेस्क्यू टीमें इनकी तलाश में जुटी हुई हैं। इस तबाही ने कई परिवारों को बेघर कर दिया, तो कुछ ने अपने प्रियजनों को खो दिया है। सरकार और विपक्ष के नेता प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर रहे हैं, जहां लोग अपनी पीड़ा को साझा करते हुए भावुक हो रहे हैं।
मंडी में बादल फटने से तबाही, 13 शव बरामद
गुरुवार को मंडी ज़िले में बादल फटने और अचानक आई बाढ़ के बाद दो और शव बरामद किए गए, जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है। अधिकारियों के अनुसार मंगलवार को मंडी के विभिन्न हिस्सों में बादल फटने की 10 घटनाएं दर्ज की गईं, जिसमें तीन बार बाढ़ और एक बार भूस्खलन हुआ। अब तक गोहर क्षेत्र से सात, थुनाग से पांच और करसोग उपमंडल से एक शव बरामद किया गया है। लापता 29 लोगों की तलाश जारी है।
पशुधन और संरचनात्मक क्षति भारी
आपदा में 150 से अधिक मकान, 104 मवेशी शेड, 31 वाहन, 14 पुल और कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार अब तक 162 मवेशियों की मौत हो चुकी है। मंडी में 316 लोगों सहित कुल 370 लोगों को सुरक्षित निकाला गया और पांच राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। मनाली-केलांग मार्ग बंद होने से यातायात को रोहतांग दर्रे के माध्यम से डायवर्ट किया गया है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा रास्ते साफ करने का कार्य तेजी से किया जा रहा है।
राज्य में 261 सड़कें बंद, बिजली-पानी आपूर्ति प्रभावित
एसईओसी के मुताबिक राज्यभर में 261 सड़कें अब भी यातायात के लिए बंद हैं, जिनमें से अकेले 186 मंडी जिले में हैं। इसके अलावा, 599 ट्रांसफॉर्मर और 797 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने बुधवार को आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। मुख्यमंत्री ने लोगों को भरोसा दिलाया कि जिनका घर उजड़ गया है, उन्हें उपलब्ध सरकारी भूमि पर पुनर्वासित किया जाएगा।
500 करोड़ से अधिक का आकलित नुकसान
आपातकालीन केंद्र के आंकड़ों के अनुसार 20 जून से जारी आपदाओं में कुल 69 लोगों की जान गई है, जबकि 110 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनका इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। कुल नुकसान का आकलन करीब 500 करोड़ रुपये किया गया है। मृतकों में से 14 की मौत बादल फटने, आठ की फ्लैश फ्लड और सात की बहाव में फंसने के कारण हुई है।