नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने हैदराबाद हैंड ग्रेनेड केस में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के तीन गुर्गों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। एजेंसी ने मोहम्मद अब्दुल वाजिद, समीउद्दीन और माज हसन फारूक पर धन जुटाने, विस्फोटक इकट्ठा करने और आतंकवादी संगठन में भर्ती करने में भूमिका निभाने का आरोप लगाया है।
एनआईए ने जनवरी 2023 में हैदराबाद पुलिस से मामले की जांच अपने हाथ में ली थी। जांच में पता चला कि जाहेद, सामी और माज भारत सरकार द्वारा सूचीबद्ध ‘आतंकवादी’ फरहतुल्ला गोरी के संपर्क में थे। इसके साथ ही वे सिद्दीकी बिन उस्मान, अब्दुल मजीद और लश्कर-ए-तैयबा के अन्य नेताओं और गुर्गों के साथ भी मिले हुए थे। उन्होंने हैदराबाद शहर में भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर बम विस्फोट करने का लक्ष्य रखा था।
एजेंसी ने कहा, 28 सितंबर, 2022 को हैदराबाद-नागपुर राजमार्ग (एनएच -44) पर मनोहराबाद गांव के पास एक सुनसान स्थान पर चार हैंड ग्रेनेड गिराए गए थे। जाहेद ने सामी के माध्यम से हैंड ग्रेनेड की खेप एकत्र की और फिर सामी व माज को एक-एक ग्रेनेड दिया और दशहरा के दौरान सार्वजनिक समारोहों में इसे फेंकने का निर्देश दिया।