राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने वक्फ (संशोधन) कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य सरकार ने देश की सर्वोच्च अदालत में हस्तक्षेप याचिका दायर कर, पहले से लंबित याचिकाओं में पक्षकार बनाए जाने की अनुमति मांगी है। यह हस्तक्षेप याचिका राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा के माध्यम से दाखिल की गई है।
अधिकारियों के अनुसार, यह याचिका राज्य सरकार की कानूनी सलाह के आधार पर तैयार की गई है। इसमें वक्फ संशोधन कानून के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से प्रस्तुत किया गया है। सरकार ने दावा किया है कि इस संशोधन का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है। साथ ही यह कानून भूमि विवादों की रोकथाम में भी मदद करेगा।
राज्य सरकार का यह भी कहना है कि वक्फ संपत्ति घोषित करने से पहले अब 90 दिन का सार्वजनिक नोटिस जारी करना और आपत्तियों पर विचार करना अनिवार्य कर दिया गया है। इससे आमजन के अधिकार सुरक्षित रहेंगे और किसी भी प्रकार की मनमानी पर रोक लगेगी।
सरकार ने यह तर्क भी दिया कि संशोधित कानून किसी भी प्रकार से धार्मिक स्वतंत्रता या समानता के अधिकारों का उल्लंघन नहीं करता, जैसा कि कुछ याचिकाओं (जिनमें AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी द्वारा दायर याचिका भी शामिल है) में दावा किया गया है।
राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से यह भी अनुरोध किया है कि उसे एक विस्तृत हलफनामा दाखिल करने की अनुमति दी जाए, ताकि वह न्यायालय को तुलनात्मक कानूनी दृष्टिकोण, संबंधित आंकड़े और प्रशासनिक अनुभव साझा कर सके। इससे न्यायालय को वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और सुधार से संबंधित जमीनी हकीकत को समझने में मदद मिलेगी।
राजस्थान के कानून एवं विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि राज्य सरकार वक्फ संशोधन बिल के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपना मजबूत पक्ष रखना चाहती है। यह कानून मुस्लिम समाज की भलाई के लिए है। इससे वक्फ संपत्तियों पर वर्षों से कब्जा किए बैठे भूमाफियाओं को हटाया जा सकेगा, और इन संपत्तियों से मिलने वाली आय को मुस्लिम समुदाय की शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास पर खर्च किया जा सकेगा।
कानून मंत्री ने आगे कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट से पक्षकार बनने की अनुमति नहीं मिलती, तो सरकार आमजन के बीच जाकर इस कानून के फायदे बताएगी और फैलाई जा रही गलतफहमियों को दूर करने का प्रयास करेगी। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह लोगों को भ्रमित करने का कार्य कर रहा है, जबकि सरकार समाज के हित में ठोस कदम उठा रही है।