‘गलत पाया गया तो गिरफ्तारी होगी’, पहलवानों के आरोपों पर बृजभूषण सिंह का बयान

उत्तर प्रदेश। हरिद्वार में आज हर की पौड़ी में ओलंपिक और विश्व पदक विसर्जित करने पहुंचे पहलवानों के विरोध प्रदर्शन और गिरफ्तारी की मांग को लेकर पूछे गए सवाल पर और डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने लखनऊ में प्रतिक्रिया दी है और कहा  है, अगर मैं गलत पाया गया तो गिरफ्तारी होगी.

भाजपा सांसद बृजभूषण शरण ने पहलवानों के प्रदर्शन पर कहा, मेरा कार्यकाल पूरा हो गया है और अगर मैं गलत पाया गया तो गिरफ्तारी होगी.  जांच होने दीजिए, यह दिल्ली पुलिस के हाथ में है. अगर गलत पाया गया, तो गिरफ्तारी भी होगी.

बता दें कि नाटकीयता भरे दिन में साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया सहित देश के शीर्ष पहलवान मंगलवार को गंगा नदी में अपने ओलंपिक और विश्व पदक विसर्जित करने सैकड़ों समर्थकों के साथ यहां पहुंचे लेकिन खाप और किसान नेताओं के मनाने पर ऐसा नहीं किया. हालांकि अपनी मांगे मानने के लिये पांच दिन का समय दिया है.

प्रदर्शन कर रहे पहलवान जैसे अपने विश्व और ओलंपिक पदक गंगा नदी में बहाने को तैयार हुए वैसे ही हर की पौड़ी पर काफी भीड़ इकट्ठा हो गयी. साक्षी, विनेश और उनकी चचेरी बहन संगीता सुबकती दिखायी दीं और उनके पति उन्हें सांत्वना देने की कोशिश कर रहे थे. उनके समर्थकों ने उनके चारों ओर घेरा बनाया हुआ था. पहलवान हर की पौड़ी पहुंचकर करीब 20 मिनट तक चुपचाप खड़े रहे. फिर वे गंगा नदी के किनारे अपने पदक हाथ में लेकर बैठ गये. बजरंग 40 मिनट बाद वहां पहुंचे . विनेश के पति सोमबीर राठी के पास एशियाई खेलो में विनेश के जीते पदक थे . साक्षी के हाथ में रियो ओलंपिक का कांस्य पदक था.

इस पूरे मामले ने 1960 की एक घटना की यादें ताजा कर दी जब महान मुक्केबाज मुहम्मद अली ने अमेरिका में नस्लीय पक्षपात के खिलाफ अपना ओलंपिक स्वर्ण पदक ओहियो नदी में फेंक दिया था.

खाप और राजनेताओं के अनुरोध के बाद करीब पौने दो घंटे यहां बिताने के बाद पहलवान वापिस लौट आये. किसान नेता शाम सिंह मलिक और नरेश टिकैत ने मामले को सुलझाने के लिये पहलवानों से पांच दिन का समय मांगा है . पहलवान जितेंदर किन्हा ने कहा ,खाप नेताओं ने हमारे सामने अपनी पगड़ी रख दी और कहा कि उम्मीद मत छोड़ो . पगड़ी की लाज रखो और लौट चलो . हमने इंतजार करने का फैसला किया है .

हर की पौड़ी पर खाप और किसान नेताओं ने समर्थकों की मानव श्रृंखला तोड़ी और पहलवानों तक पहुंचे . गंगा दशहरे के मौके पर यहां पहुंचे हजारों श्रृद्धालु हैरत से यह सब देखते रहे . पहलवानों ने मीडिया से कोई बात नहीं की. कई अन्य खाप नेताओं और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी पहलवानों का समर्थन किया लेकिन उनसे संयम बरतने की अपील की.

दिल्ली पुलिस द्वारा 28 मई को हिरासत में लिए गए और जंतर-मंतर में धरना स्थल से हटाए गए देश के शीर्ष पहलवानों ने मंगलवार को कहा कि वे कड़ी मेहनत से जीते अपने पदक गंगा नदी में बहा देंगे और इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठेंगे. इस बीच दिल्ली पुलिस ने कहा कि वे इंडिया गेट पर पहलवानों को प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं देंगे क्योंकि यह राष्ट्रीय स्मारक है, प्रदर्शन करने की जगह नहीं.

साक्षी ने कहा, इंडिया गेट हमारे उन शहीदों की जगह है जिन्होंने देश के लिए अपनी देह त्याग दी. हम उनके जितने तो पवित्र नहीं हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलते हुए हमारी भावना भी उन सैनिकों जैसी ही थी. साक्षी ने कहा कि तंत्र ने उत्पीड़क को पकड़ने की जगह पीड़ितों को डराने और विरोध रोकने का प्रयास किया. पहलवानों को लगता है कि पदक की कोई कीमत नहीं है और इन्हें वापस करना चाहते हैं. उन्होंने इच्छा जताई कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे का हल निकालते.

साक्षी ने कहा, ये पदक अब हमें नहीं चाहिए क्योंकि इन्हें पहनाकर हमें मुखौटा बनाकर यह तंत्र सिर्फ अपना प्रचार करता है और फिर हमारा शोषण करता है. हम उस शोषण के खिलाफ बोलें तो हमें जेल में डालने की तैयारी कर लेता है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here