ममता कुलकर्णी महामंडलेश्वर बनीं तो बरसीं जगद्गुरु हिमांगी सखी, एससी में देंगी चुनौती

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन हो रहा है, जहां लाखों श्रद्धालु रोजाना आस्था की डूबकी लगाने पहुंच रहे हैं. महाकुंभ में सबसे पहले हर्षा रिछारिया को लेकर खूब चर्चा हुई. इसके बाद माला बेचने वाली लड़की मोनालिसा सुर्खियों में रहीं. उनकी फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुईं. अब एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने को लेकर चर्चा है, जिस पर साधु-संतों ने नाराजगी जताई है.

किन्नर अखाड़े में ममता कुलकर्णी को गोपनीय तरीके से अचानक महामंडलेश्वर बनाए जाने को लेकर महाकुंभ में विवाद खड़ा हो गया है. महाकुंभ में धर्मगुरुओं ने इस पर नाराजगी जताई है. उनका कहना है कि धर्म-परंपरा की अनदेखी की गई है. शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि ममता कुलकर्णी पर गंभीर आरोप लगे हैं. बिना इसकी जांच किए और परंपरा का पालन किए बिना महामंडलेश्वर जैसे पद पर उन्हें बैठा देना सनातन धर्म का मजाक है.

किन्नर महामंडलेश्वर कैसे बन सकती हैं?

उन्होंने किन्नर के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पर आरोप लगाया है कि वह सनातनधर्म को ठेस पहुंचा रहे हैं. ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाने पर किन्नर समाज में भी गहरी नाराजगी है. महिला अखाड़े की किन्नर जगद्गुरु हिमांगी सखी ने इसे बेहद गंभीर मामला बताते हुए इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है. हिमांगी सखी ने कहा कि किन्नर अखाड़ा तो किन्नर समाज के लिए बना था. ऐसे में गैर किन्नर कैसे उस अखाड़े से किन्नर महामंडलेश्वर बन सकती हैं.

जगद्गुरु हिमांगी SC में देंगी चुनौती

उन्होंने आगे कहा कि किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को यह बताना होगा कि क्या ममता कुलकर्णी भी किन्नर हैं. यह भी जवाब देना होगा कि ममता का पूर्ण मुंडन कराए बिना कैसे उनका पिंडदान स्वीकार्य है. किन्नर अखाड़े के इस फैसले से सनातन धर्म की भावनाएं आहत हुई हैं और वह इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगी.

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