छत्तीसगढ़ के औद्योगिक क्षेत्रों में चल रहे अवैध ईंट-भट्ठे से बढ़ी लोगों की परेशानी

औद्योगिक क्षेत्र उरला, सरोरा,बिरगांव और रावांभाटा क्षेत्र में अवैध तरीके से ईंट भट्ठा का संचालन किया जा रहा है। इन ईंट भट्ठों की वजह से आने जाने वालों के साथ-साथ आसपास रहने वालों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ईंटभट्ठा से निकलने वाले धुएं से पर्यावरण दूषित तो हो ही रहा है, साथ ही इसके राखड़ भी हवा में उड़ कर आसपास के घरों तक पहुंच रही हैं। समस्या इतनी गंभीर है कि लोग इसके चलते छतों पर ना तो कपड़े सूखा पा रहे हैं और ना ही इस रास्ते से गुजर पा रहे हैं क्योंकि भट्ठे से निकलने वाला धुआं और हवा में उड़ने वाला राखड़ इनकी परेशानियों का कारण बन गया है। रहवासियों ने इसकी शिकायत पूर्व में भी नगर निगम प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से की थी किंतु अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण अवैध ईंट भट्ठा चलाने वालों के हौसला बुलंद होते जा रहे है।

क्या कहते है रहवासी

सरोरा निवासी केशव चंद्राकर का कहना है कि अवैध तरीके से चलाए जाने वाले ईंटे भट्ठे को तुरंत बंद करना चाहिए या तो उन्हें किसी अनयंत्र जगह में स्थानांतरण करना चाहिए। तभी इस समस्या से निजात पाई जा सकती है।उरला निवासी यशवंत पाटिल का कहना है कि ईंट भट्टे से निकलने वाले काले धुएं और राखड़ के साथ हमारा जीना दूभर हो गया है।बच्चों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है। बिरगांव निवासी किशोर साहू ने कहा कि बारिश के मौसम में ईंट भट्ठे से निकलने वाले धुएं के कारण स्वास्थ्य पर और भी बुरा असर पड़ रहा है। इस पर तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए।

औद्योगिक क्षेत्र में बढ़ रही है नशाखोरी

औद्योगिक क्षेत्र बिरगांव में संचालित सैकड़ों फैक्टरियों में काम करने वाले हजारों मजदूरों की बच्चे नशे की आदी हो गए है।इन बच्चों को स्थानीय दवा दुकान और कुछ पान ठेलों से आसानी से नशे की गोलियां मिल जा रही है। दवा दुकानों में धड़ल्ले से प्रतिबंधित कफ सिरप, टेबलेट समेत अन्य ऐसी दवाइया बिना पर्ची के दुकानदार बेच रहे है। शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने से तेजी से मजदूरों के नौनिहाल नशे के गर्त में डूब रहे है।

अपराध बढ़ने की आशंका

औद्योगिक क्षेत्र के नाबालिग बच्चे जिस तरीके से नशे के आदी होते जा रहे हैं।इससे अपराधिक गतिविधियां बढ़ने से भी इनकार नहीं किया जा सकता।

नशा न मिलने पर उठा सकते है घातक कदम

एसएमपी हास्पिटल के डाक्टर करुणावत के अनुसार यदि छोटे बच्चे नशे की आदी हो जाते हैं तो उनका दिमाग काम नहीं करता।उनकी सोचने समझने की शक्ति कम हो जाती है और जब लगातार नशा करते हैं और उन्हें नशे की सामग्री नहीं मिलती है तो वे घातक कदम उठाने से नही चूकेंगे।

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