अयोध्या में सपा समर्थक प्रधान ने भाजपा समर्थक को बंधक बनाकर पीटा

अयोध्या। रिश्तेदार से मिल कर घर आ रहे भाजपा समर्थक बब्बन तिवारी को सपा प्रधान आशीष यादव और उनके समर्थकों ने बेरहमी से पीटा। जान बचाने के लिए वह जंगल में तीन किलोमीटर पैदल दौड़े। 

प्रधान और उनके समर्थकों ने पीछा कर उन्हें दबोच लिया। इसके बाद एक झोपड़ीनुमा चाय के होटल में लाकर बंधक बना कर बब्बन तिवारी और उनके दो साथियों को पीट-पीट कर लहूलुहान कर दिया। 

यह है पूरा मामला

हैदरगंज के बलरामपुर निवासी बब्बन तिवारी ने बताया कि बुधवार को लखनऊ से लौटते समय वह खंडासा के पालपुर निवासी अपने रिश्तेदार सोनू तिवारी से मिलने उनके घर चले गए। उनके साथ सुनील मिश्र और विनय भी थे।\

कार से वापस लौटते समय टिकटी गांव के पास स्थानीय सपा समर्थक एवं प्रधान आशीष यादव ने उन्हें भाजपा का चुनाव प्रचार करने की आशंका में रोक लिया। उन्होंने कार से उतर कर बताया कि वह प्रचार करने नहीं, बल्कि अपने रिश्तेदार से मिलने आए हैं, लेकिन आशीष और उसके साथी हमलावर हो गए। 

जान बचाने के लिए वह निकट के जंगल में भागे। विपक्षियों ने असलहा लेकर उन्हें दौड़ा लिया। करीब तीन किलोमीटर तक वह भागते रहे, लेकिन फायरिंग करते हुए विपक्षी उन्हें दौड़ाते रहे। इसके बाद उन्हें दबोच लिया। सुनील मिश्र एवं विनय तो बच कर भागने में सफल रहे।

चाय के होटल पर की मारपीट

बब्बन को आरोपी पकड़ कर एक चाय के होटल पर लाए, जहां लोहे की राड व तमंचे की बट से उन्हें मारा पीटा। बब्बन तिवारी उनके पांव पकड़ कर मिन्नत करते रहे, लेकिन आरोप है कि विपक्षी उन्हें पीटते रहे, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं हैं। 

पीड़ित का कहना है कि विपक्षी प्रधान आशीष समाजवादी पार्टी से जुड़ा है। इसकी तहरीर खंडासा थाने पर दे दी गई है। एसएसपी राजकरन नय्यर ने बताया कि एक व्यक्ति को हिरासत में ले लिया गया है। प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई का निर्देश दिया गया है।

गैर इरादतन हत्या के आरोपी को साढ़े 13 वर्ष कारावास, जुर्माना

शौचालय के लिए नींव की खुदाई को लेकर उत्पन्न हुए विवाद में गैर इरादतन हत्या के आरोपित पवन कुमार यादव को अलग-अलग अपराधों में दोषी पाते हुए साढ़े 13 वर्ष के कठोर कारावास से दंडित किया गया है। न्यायालय ने उस पर साढ़े 22 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।यह आदेश एफटीसी द्वितीय रवि कुमार गुप्त की अदालत ने सुनाया है। सभी सजाएं साथ-साथ चलने के कारण एक अपराध की अधिकतम 10 वर्ष की सजा ही भुगतनी होगी। अर्थदंड अदा न करने पर 16 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।

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