रायपुर में सेरीखेडी समूह की महिलाएं बुनाई और कढ़ाई में दिखाएगी हुनर

छत्‍तीसगढ़ की राजधानी रायपुर जिला पंचायत के अंतर्गत स्व सहायता समूह से जुड़ी ग्रामीण महिलाएं जल्द ही कपड़े की बुनाई और कढ़ाई जैसे कार्यो में हुनर दिखाएगी। इसकी शुरुआत ट्रेनिंग के तौर पर सेरीखेड़ी स्थित मल्टी यूटिलिटी सेंटर में शुरू हो गई है। हालांकि अभी ट्रेनिंग जारी है, लेकिन ग्रामीण समूह की महिलाएं प्रशिक्षण कार्य में ही बेहतर प्रर्दशन कर रही हैं। वहीं रायपुर जिला पंचायत के सीइओ मयंक चतुर्वेदी की माने तो लाकडाउन का असर डोम में तैयार हो रहे कई यूनिटों पर दिखा है। वहीं सामान्य बन रही स्थिती को देखते हुए समूह की महिलाओं को कार्यकुशल बनाने की पहल शुरू की जा रही है, जिससे हथकरघा के अंतर्गत कपड़ों की बुनाई, कढ़ाई के कार्यो से समूह की महिलाओं को जोड़ा जाएगा। इससे नियमित रोजगार मिलने के साथ ही उनकी आय में बढोत्तरी होगी।

ग्रामोउद्योग के अंतर्गत हर तरह के कपड़े तैयार होते है,जिसे अभी बुनकर समिती से जुड़ी चंद्रपुर सहित आसपास के जिलों की ग्रामीण महिलाएं बुनाई और कढ़ाई कर रही है। इसी कार्य से सेरीखेड़ी समूह की महिलाओं को जोड़ा जा रहा है। जाे शुरू में तकिया कवर, बेड़ सीट, टावेल, पायदान, झोला सहित लघु कुटीर उद्योग जैसे कार्यो से जुड़ेगी। वहीं बुजुर्ग महिलाओं को गोदना, राखी, नर्सरी की युनिट से जोड़ा जाएगा। कुछ माह छग विलासा हैडलूम एम्पोरियम में आ रहे ग्राहकों की पसंद के कपड़े भी यही तैयार करने का कार्य समूह की महिलाएं करेंगी।जिसके लिए उन्हे बेहतर प्रशिक्षण दी जाएगी।

स्वंय का शुरू कर सकती है कारोबारराज्य ग्रामीण आजीविका मिशन यानि एनआरएलएम के अंतर्गत भी कई ब्लाक में नए कार्य शुरू होने वाले है।रायपुर जिला पंचायत के सीइओ चतुर्वेदी का कहना है कि कई योजना पर चर्चा है, कुछ जरूरी सहमति के कारण रूका है, जिसमें गरम मसाला निर्माण, कड़कनाथ, डेयरी, मशरूम, नर्सरी के कार्यो से समूह की महिलाओं को जोड़ने की पहल है। इसके अलावा विहान योजना के अंतर्गत ऐसे समूह जो खुद का कार्य भी शुरू करना चाहते है, उन्हे प्रशिक्षण दिया जाएगा। क्योंकि सेंटर के माध्यम से महिलाओं को कार्यकुशल बनाने की सोच है। यहां प्रशिक्षित होकर खुद रोजगार शुरू करें, यही मकसद सेंटर का है।

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