राजस्थान :
कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का आज 39वां दिन है. इस बीच राजस्थान कांग्रेस कमेटी ने प्रदर्शनकारी किसानों के प्रति एकजुटता प्रकट करने के लिए धरना प्रदर्शन आयोजित करने का फैसला किया गया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ राजस्थान कांग्रेस के प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलत के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी की राजस्थान यूनिट रविवार को यानी आज जयपुर के शहीद स्मारक में केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने जा रहे हैं.
केंद्र सरकार के पारित किए गए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के समर्थन में मंत्री, विधायक, जनप्रतिनिधि और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने 5 जनवरी से पूरे हफ्ते गांव-गांव जाकर ‘किसान बचाओ-देश बचाओ’ अभियान चलाने का फैसला किया है.
मालूम हो कि हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा था कि ‘बड़े दुख की बात है कि आंदोलन कर रहे हमारे किसान नए साल का स्वागत कड़कड़ाती ठंड में, खुले में, सड़कों पर अपने घर से दूर रहते हुए कर रहे हैं. एक संवेदनशील और जवाबदेह सरकार यह कभी नहीं होने देती.’
प्रदर्शनकारी किसानों ने सरकार को फिर दी चेतावनी
वहीं, किसान संगठन अभी भी कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं. प्रदर्शनकारी किसानों का यह दावा है कि यह कानून प्राइवेट कंपनियों के फायदे के लिए बनाए गए हैं. किसान संगठनों और नेताओं ने उनकी मांगें जल्द पूरी ना होने पर दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है. किसानों ने यह घोषणा की है कि वे गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकालेंगे. किसान नेताओं ने कहा, “अगर सरकार ने जल्द ही इन कानूनों को वापस नहीं लिया तो 6 जनवरी से यह आंदोलन और तेज हो जाएगा. यह हमारा अल्टीमेटम है.”
4 जनवरी को सरकार और किसानों के बीच बातचीत
उन्होंने कहा कि अगर गणतंत्र दिवस तक सभी मुद्दों को हल नहीं किया गया, तो हम इस आंदोलन को तेज करने के लिए दिल्ली में प्रवेश करना शुरू कर देंगे.” किसानों के अधिकार कार्यकर्ता और स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव ने शनिवार को कहा कि सरकार ने कहा है कि 50 फीसदी मांगों को पूरा किया गया है लेकिन हमें अपनी मांगे पूरी होने के कोई संकेत नहीं दिखाई दे रहे हैं. 4 जनवरी को इन कानूनों को लेकर सरकार और किसान संगठनों के बीच सातवें दौर की बातचीत होगी.