दुष्कर्म के मामले में युवा न्याय की मांग को लेकर अलवर कलेक्टर के पास पहुंचे

अलवर में मानसिक रूप से विक्षिप्त लड़की से कथित दुष्कर्म मामले ने राजनीतिक मोड़ ले लिया है और विपक्षी भाजपा ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी राजनीतिक दलों से पुलिस को स्वतंत्र और शीघ्रता से जांच पूरी करने  का समय देने का आग्रह किया।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा कि हम सच्चाई का पता लगाने के लिए सीबीआई जांच की मांग करते हैं। पुलिस ने मामले में यू-टर्न ले लिया है। राजस्थान जैसे शांतिपूर्ण राज्य में पिछले तीन वर्षों में अपराध बढ़े हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा जो शुक्रवार तक कुछ दिनों के लिए व्यक्तिगत यात्रा पर रणथंभौर में थीं, उनपर निशाना साधते हुए पूनिया ने कहा कि कांग्रेस नेता ने उत्तर प्रदेश में लड़की हूं, लड़ सकती हूं का नारा दिया, लेकिन राजस्थान में जो हुआ उसे नजरअंदाज कर दिया। 

अल्पसंख्यक आयोग ने मांगी रिपोर्ट

वहीं, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने 11 जनवरी को हुए अलवर दुष्कर्म मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए राजस्थान के मुख्य सचिव से 24 जनवरी तक रिपोर्ट मांगी है।

भाजपा के निशाने पर कलेक्टर
राजस्थान के अलवर शहर में एक मूक बधिर नाबालिग के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म की घटना को लेकर सियासी बवाल जारी है। मामले को रफा-दफा करने के प्रयास व दुष्कर्म मानने से इनकार करने को लेकर अलवर के कलेक्टर भाजपा व अन्य दलों के निशाने पर आ गए हैं। भाजपा ने घटना के विरोध में और पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए 16 व 17 जनवरी को राज्यव्यापी आंदोलन का एलान किया है। 

प्रियंका गांधी कहां हैं?
डॉ. किरोड़ी लाल मीना के साथ सैकड़ों युवा न्याय की मांग को लेकर अलवर कलेक्टर के पास पहुंचे। कुछ युवतियों ने जिला कलेक्टर तो उन्होंने अपनी व्यथा सुनाई और पूछा कि प्रियंका गांधी लड़कियों की सुरक्षा की बात करती हैं, परंतु जब हमें परेशानी होती तब वो कहां हैं? इस पर जिला कलेक्टर ने लड़कियों को उन्हें परेशान करने वालों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। जब युवतियों ने मूक बधिर पीड़िता को न्याय दिलाने की बात कही, तो कलेक्टर नानूमल पहाड़िया ने इन युवतियों के पिता के नंबर मांगे और उनको राजनीति से दूर रहने की सलाह दे डाली। इस कहासुनी का वीडियो वायरल हो गया। वीडियो में अलवर जिला कलेक्टर की बात करने का तरीका काफी आक्रामक रहा, जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ गई है। 

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने किया ट्वीट 
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्वीट कर कलेक्टर अलवर से पूछा है बच्चियों के पिता के नंबर तो मिल गए अब आपके ऊपर कौन है उसका भी नंबर दे दीजिये? 

भाजपा पूरे राजस्थान में 17 व 18 जनवरी को करेगी प्रदर्शन: पूनिया
उधर, राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने अलवर में मूकबधिर नाबालिग गैंगरेप मामले को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अलवर में मंगलवार रात नाबालिग के साथ हुई घटना के संदर्भ में एसआईटी की रिपोर्ट आए बिना अलवर पुलिस द्वारा दुष्कर्म जैसी किसी भी घटना से इनकार कर दुर्घटना बताना राज्य सरकार की नीयत और नाकामी पर सवाल खड़े करता है।  पूनिया ने सवाल किया कि राज्य सरकार मामले की जांच से क्यों बच रही है, अपराधियों को क्यों बचा रही है? क्या पंजाब और यूपी के चुनाव के कारण कांग्रेस सरकार बदनामी से डरकर मामले को दबाने की कोशिश कर रही है? क्या प्रियंका गांधी के जन्मदिन में खलल के बाद कांग्रेस सरकार ने उनके इशारे पर इस मामले को दबाने की कोशिश की है?एसआईटी की रिपोर्ट से पहले ही पुलिस ने घटना से इनकार क्यों किया? भाजपा नेता सवाल किया कि पीड़िता के परिवार को मुआवजा किस बात का दिया गया? भाजपा इस पूरे घटनाक्रम की तत्काल निरपेक्ष जांच एवं अपराधियों की फांसी की सजा की मांग की है

पुलिस का दावा- दुष्कर्म की पुष्टि नहीं
उधर, अलवर पुलिस का दावा है कि मेडिकल रिपोर्ट में नाबालिग के साथ दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है। अलवर पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने बताया कि जयपुर में नाबालिग का पांच डॉक्टरों की टीम ने मेडिकल जांच की जिसमें दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है। 

आखिरी 10 मिनट की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग गुम 
एसपी तेजस्विनी गौतम ने बताया कि अलवर पुलिस को जो रिपोर्ट मिली है उससे यह स्पष्ट है कि मूक-बधिर नाबालिग से दुष्कर्म नहीं हुआ है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मामला गंभीर होने के चलते 6 टीम पूरे मामले में हर पहलू पर नजर बनाए हुए थी। नाबालिग के गांव से निकलने से लेकर अलवर पुलिया तक सभी कैमरों को चेक किया गया। एसपी ने बताया कि आखिरी लोकेशन और घटनास्थल के बीच की 10 मिनट की वीडियो रिकार्डिंग नहीं है। इसी दस मिनट में नाबालिग कहां थी और उसके साथ क्या हुआ, इसकी जांच अलवर पुलिस कर रही है। 

राजस्थान हाईकोर्ट में 28 जनवरी तक वर्चुअल होगी सुनवाई
इस बीच, राजस्थान में बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते जयपुर पीठ व जोधपुर मुख्य पीठ में 28 जनवरी तक वर्चुअल सुनवाई होगी। कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के प्रकोप को देखते हुए राजस्थान हाईकोर्ट की मुख्य पीठ जोधपुर तथा जयपुर पीठ में 28 जनवरी तक केवल वर्चुअल सुनवाई होगी। रजिस्ट्रार जनरल ने वर्चुअल सुनवाई की व्यवस्था को बढ़ाते हुए अधिसूचना जारी की है। हाईकोर्ट व अधीनस्थ अदालतों में 75% स्टाफ को भी रोटेशन के आधार पर बुलाया जा रहा है बाकी स्टाफ घर से कामकाज करेंगे। हालांकि ये कर्मचारी सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे। 

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