‘टैरिफ के मुद्दे पर भारत अमेरिकी प्रशासन के संपर्क में’, अवैध आव्रजन पर भी विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब

अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से कई देशों को दी गई टैरिफ लगाने की धमकी पर भारत के विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत ने हमेशा से रचनात्मक तरीके से मुद्दों को हल किया है। जो दोनों देशों के हित में रहा है। इस मुद्दे पर भारत अमेरिकी प्रशासन के संपर्क में हैं। वहीं अवैध आव्रजन पर भी विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया है। 

टैरिफ के मुद्दे पर प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत-अमेरिका के संबंध बहुत मजबूत, बहुआयामी हैं। वहीं आर्थिक संबंध बहुत खास हैं। हमने व्यापार से संबंधित किसी भी मामले पर चर्चा करने के लिए अमेरिका और भारत के बीच तंत्र स्थापित किए हैं। इस मुद्दे पर भी हम नजर रख रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि हम लगातार संबंधित देशों से वीजा जारी करने में देरी का मुद्दा उठाते रहे हैं। अगर वीजा आसानी से जारी किए जाएं तो दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी और आर्थिक संबंध बेहतर होंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ इस मामले को उठाया है। 

हम भारतीय नागरिकों को वापस लेंगे, लेकिन उचित दस्तावेजों के साथ
अवैध आव्रजन को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम अवैध आव्रजन के खिलाफ हैं। यह संगठित अपराध के कई रूपों से जुड़ा हुआ है। अमेरिका ही नहीं बल्कि दुनिया में कहीं भी भारतीय नागरिक तय समय से ज़्यादा समय तक रह रहे हैं या वे उचित दस्तावेजों के बिना किसी विशेष देश में हैं, तो हम उन्हें वापस ले लेंगे, बशर्ते संबंधित देश हमारे साथ दस्तावेज साझा करें। ताकि हम उनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि कर सकें और यह सुनिश्चित कर सकें कि वे वास्तव में भारतीय हैं। अगर ऐसा होता है तो हम मामले को आगे बढ़ाएंगे और उन्हें भारत वापस लाने में मदद करेंगे।

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बाधित नहीं किया जा सकता
प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमने कई रिपोर्ट देखी हैं कि किस तरह कई हॉल में फिल्म इमरजेंसी को बाधित किया जा रहा है। हम लगातार भारत विरोधी तत्वों के हिंसक विरोध और धमकी की घटनाओं के बारे में यूके सरकार से चिंता जताते हैं। बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बाधित नहीं किया जा सकता। इसमें बाधा डालने वालों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। हमें उम्मीद है कि यूके जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई करेगा। लंदन में भारतीय उच्चायोग हमारे समुदाय के सदस्यों की सुरक्षा और लाभ के लिए नियमित रूप से उनके संपर्क में रहता है।

अपराध रोकने के लिए लगा रहे बाड़
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा पर बाड़ लगाने के लिए कई समझौते हुए हैं। सीमा पर बाड़ लगाना इसलिए जरूरी है ताकि अपराध को रोका जा सके। हम चाहते हैं कि बांग्लादेश के साथ सीमा पर बाड़ लगाने के लिए किए गए समझौतों का सकारात्मक क्रियान्वयन हो। सीमा के दोनों ओर बाड़ समझौतों के अनुसार लगाई जा रही है।

विदेश सचिव की चीन यात्रा पर भी दी जानकारी
विदेश सचिव विक्रम मिस्री की चीन यात्रा पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि विदेश सचिव 26-27 जनवरी को चीन में रहेंगे। वे चीन में अपने समकक्ष उप मंत्री से मुलाकात करेंगे। जहां द्विपक्षीय हितों के सभी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। यह बैठक कजान में नेताओं के बीच बनी सहमति को आगे बढ़ाएगी। बैठक में आपसी हितों के सभी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

'India in touch with US administration on tariff issue', MEA also responded on illegal immigration

सबको पता है आतंकवाद कहां से आ रहा
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि आतंकवाद को कौन बढ़ावा दे रहा है। भारत में जब आतंकवाद से जुड़े हमले होते हैं, तो यह कहां से आ रहा है? हम सभी सीमा पार आतंकवाद की उत्पत्ति और जड़ को समझते हैं। यह कहना कि हम किसी चीज का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं पूरी तरह से अप्रासंगिक है। हर कोई जानता है कि सीमा पार आतंकवाद के लिए कौन जिम्मेदार है। हम पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई करने का आह्वान करते हैं।

रूस-यूक्रेन मुद्दे पर हम शांति के पक्षधर
रूस-यूक्रेन युद्ध पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमारा रुख हमेशा से एक जैसा रहा है। हम शांति के पक्षधर हैं और हम चाहते हैं कि बातचीत और कूटनीति के जरिये संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान हो। हमारे प्रधानमंत्री ने कहा है कि यह युद्ध का युग नहीं है। युद्ध के मैदान में कोई समाधान नहीं है। 

एआई शिखर सम्मेलन का मिला न्योता
उन्होंने कहा कि फ्रांस एआई शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने प्रधानमंत्री मोदी को शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करने के लिए आमंत्रित किया है। हमने निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here