नई दिल्ली। पश्चिम एशिया में बढ़ते इस्राइल-ईरान तनाव के बीच भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन सिंधु’ के अंतर्गत भारतीय नागरिकों को स्वदेश वापस लाने का क्रम जारी है। मंगलवार सुबह भारतीय वायुसेना के दो विमानों के माध्यम से इस्राइल से 326 नागरिक नई दिल्ली पहुंचे। पहले विमान में 161 और दूसरे में 165 यात्री सवार थे।
हवाई अड्डे पर केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री पाबित्रा मार्गेरिटा और राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने यात्रियों का स्वागत किया। इस मौके पर विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि विदेशों में रहने वाले भारतीयों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
23 जून से इस्राइल चरण की शुरुआत
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने जानकारी दी कि इस्राइल चरण की शुरुआत 23 जून को हुई थी। पहले चरण में जॉर्डन से 161 भारतीयों को सुरक्षित लाया गया, इसके बाद सी-17 विमान इस्राइल से 165 और नागरिकों को लेकर स्वदेश लौटा। इस्राइल से भारत लौटने की यात्रा पहले भूमि मार्ग और फिर वायुसेना के विमानों के माध्यम से संपन्न हुई।
इससे पहले ईरान के मशहद से 292 भारतीयों को विशेष विमान से नई दिल्ली लाया गया था। कुल मिलाकर अब तक ऑपरेशन सिंधु के अंतर्गत ईरान से 2,295 भारतीयों की सुरक्षित वापसी हो चुकी है।
वापस लौटे नागरिकों ने जताया आभार
इस्राइल से लौटे बुजुर्ग दंपती त्र्यंबक कोली और उनकी पत्नी ने भारत वापसी पर राहत की सांस ली। कोली दंपती ने बताया कि एक माह से अधिक समय से वे इस्राइल में थे, और वहां लगातार विस्फोटों की आवाजें सुनाई देती थीं। उनकी पत्नी ने कहा, “हमने आसमान में छह मिसाइलें अपने सिर के ऊपर से जाती देखीं, तभी हमने घर में छिपकर जान बचाई।”
दोनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार का आभार व्यक्त किया। कई अन्य नागरिकों ने भी भारतीय दूतावास और वायुसेना की मदद को सराहा।
वायुसेना की तत्परता
भारतीय वायुसेना ने बयान में कहा कि पश्चिम एशिया में गहराते संघर्ष के चलते सी-17 विमानों के जरिए जॉर्डन और मिस्र से निकासी अभियान शुरू किया गया। भारतीय वायुसेना ने बताया कि वह संकट की घड़ी में भारत और मित्र देशों के नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए हमेशा तत्पर रहती है।