अभिजीत सरकार हत्याकांड: टीएमसी विधायक और दो पार्षदों सहित 18 पर सीबीआई का शिकंजा

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के बाद भड़की हिंसा में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की हत्या के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने बड़ी कार्रवाई की है। जांच एजेंसी ने इस हत्याकांड में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के एक विधायक और दो पार्षदों समेत कुल 18 लोगों के खिलाफ दूसरी पूरक चार्जशीट दाखिल की है।

CBI ने बेलियाघाटा से विधायक परेश पाल, वार्ड 58 के पार्षद स्वपन समाद्दार और वार्ड 30 की पार्षद पापिया घोष के नाम इस आरोप पत्र में शामिल किए हैं। यह पूरक चार्जशीट कोलकाता के सियालदह स्थित एल्डर मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एलडी एसीजेएम) की अदालत में दाखिल की गई, जहां अदालत ने 30 जून 2025 को दिए आदेश में सभी आरोपियों के विरुद्ध आरोपों का संज्ञान ले लिया है।

2 मई 2021 को हुई थी हत्या

ज्ञात हो कि 2 मई 2021 को विधानसभा चुनाव परिणामों के दिन कांकुरगाछी क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की हत्या कर दी गई थी। परिजनों का आरोप है कि अभिजीत की हत्या के साथ ही उनके भाई विश्वजीत सरकार और मां माधवी देवी के साथ भी मारपीट की गई थी।

इस घटना के बाद नारकेलडांगा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसे बाद में कलकत्ता हाईकोर्ट ने 19 अगस्त 2021 को सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया। सीबीआई ने 25 अगस्त 2021 को इस मामले की जांच अपने हाथ में ली और इसे सीआर केस संख्या 124/2021 के रूप में दर्ज किया।

पहले भी हो चुकी है चार्जशीट दाखिल

इससे पहले राज्य पुलिस की ओर से 6 अगस्त 2021 को 15 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद CBI ने 30 सितंबर 2021 को एक पूरक आरोप पत्र दाखिल किया, जिसमें 20 नए नाम जोड़े गए थे। अब ताज़ा चार्जशीट में 18 और नए नाम शामिल हुए हैं।

फुटेज और गवाही से मिले अहम सबूत

CBI सूत्रों के मुताबिक, इस हत्याकांड से संबंधित कई वीडियो फुटेज एकत्र कर फोरेंसिक जांच कराई गई, जिनकी पुष्टि रिपोर्ट से हुई है। अभिजीत सरकार की मां माधवी देवी ने अदालत में बंद कमरे में अपना बयान भी दर्ज कराया, जिसमें उन्होंने हत्या से संबंधित अहम जानकारियां दीं।

CBI का दावा है कि शुरुआती जांच में यह स्पष्ट हुआ कि इस मामले में स्थानीय पुलिस कर्मियों और सत्ताधारी दल से जुड़े कुछ नेताओं की भूमिका संदेह के घेरे में है। इसी आधार पर सीआरपीसी की धारा 173(8) के तहत आगे की जांच करते हुए दूसरी पूरक चार्जशीट दाखिल की गई है।

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