अहमदाबाद में हुए एआई-171 विमान हादसे के बाद शवों की पहचान के लिए डीएनए सैंपलिंग और प्रोफाइलिंग का कार्य तेज़ी से जारी है। सिविल अस्पताल प्रशासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अब तक यात्रियों के परिजनों और स्थानीय लोगों से लिए गए नमूनों में से 119 मामलों में डीएनए मिलान की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से 76 शवों को परिवारजनों को सौंपा जा चुका है।
इस कार्य में तेजी लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नियमित स्टाफ के अलावा अस्पताल में करीब 855 अतिरिक्त कर्मियों की तैनाती की है। सिविल अस्पताल अधीक्षक ने स्पष्ट किया है कि सभी शवों को पूरी गरिमा और सम्मान के साथ सौंपा जा रहा है। उन्होंने जनता से अपील की है कि किसी भी अपुष्ट और भ्रामक जानकारी पर विश्वास न करें।
सरकार ने बनाई व्यवस्था, परिवारों को नहीं हो रही परेशानी
राज्य सरकार ने इस बात का ध्यान रखा है कि मृतकों के परिवारों को शव प्राप्त करने से लेकर बीमा दावों और अन्य औपचारिकताओं तक किसी भी स्तर पर किसी असुविधा का सामना न करना पड़े। इसके लिए एक सुव्यवस्थित व्यवस्था लागू की गई है।
प्रशासन लगातार पीड़ित परिवारों से संपर्क कर रहा है ताकि दस्तावेज़ जुटाने की प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके। इन दस्तावेज़ों के आधार पर बीमा कंपनियों, सरकारी या अर्ध-सरकारी संस्थाओं में कार्यवाही सरल हो सके। नामित अधिकारियों और गवाहों के माध्यम से उत्तराधिकार संबंधी प्रमाण पत्र सहित अन्य जरूरी दस्तावेज़ जारी किए जा रहे हैं।
डीएनए मिलान की प्रक्रिया चौबीसों घंटे जारी
फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) के निदेशक एच.पी. संघवी ने बताया कि डीएनए प्रोफाइलिंग की प्रक्रिया बिना रुके चौबीस घंटे जारी है। उन्होंने बताया कि डीएनए सैंपल लेने के दो प्रमुख तरीके अपनाए जा रहे हैं। एक विधि में रक्त के नमूने से सैंपल लिया जाता है, जो अपेक्षाकृत सरल है, जबकि दूसरी विधि में मृतकों के शरीर के अवशेषों से सैंपल लिए जाते हैं। यह प्रक्रिया जटिल होती है लेकिन अधिक सटीक मानी जाती है। अवशेषों को विशेष सतर्कता के साथ साफ किया जाता है, ताकि सैंपल में कोई बाहरी तत्व न मिल पाए।