केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को तेलंगाना के निजामाबाद में राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के मुख्यालय का उद्घाटन किया। इस अवसर पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2023 में हल्दी बोर्ड के गठन का जो वादा किया था, वह आज पूरा कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह बोर्ड न केवल निजामाबाद की हल्दी को, बल्कि देशभर की हल्दी को अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने में मदद करेगा।
शाह ने भरोसा जताया कि अब ऐसा वक्त आएगा जब हल्दी के दाम गिरेंगे नहीं। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने हल्दी के निर्यात को 1 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। शाह ने निजामाबाद को हल्दी व्यापार का अंतरराष्ट्रीय केंद्र बनाने की बात कही और कहा कि सरकार ऑर्गेनिक हल्दी को विश्व बाजार में पहुंचाने, उसकी मार्केटिंग और पैकेजिंग के लिए विस्तृत योजना बनाएगी।
सुरक्षा पर भी बोले शाह, बताया कैसे बदला गया आतंकवाद का जवाब
गृह मंत्री ने अपने संबोधन में देश की सुरक्षा व्यवस्था पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले देश में बार-बार आतंकी हमले होते थे और कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं मिलती थी। लेकिन मोदी सरकार के आने के बाद सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई। उन्होंने बताया कि उड़ी हमले का जवाब सर्जिकल स्ट्राइक, पुलवामा का जवाब एयरस्ट्राइक और पहलगाम हमले का बदला ऑपरेशन सिंदूर के जरिए लिया गया।
शाह ने कहा, “पहलगाम हमले के बाद प्रधानमंत्री ने चेतावनी दी थी कि इसका कड़ा जवाब दिया जाएगा, और हमारे सैनिकों ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों के अड्डों को तबाह किया।”
नक्सलियों को दी मुख्यधारा में लौटने की सलाह
गृह मंत्री ने माओवादियों से हथियार छोड़कर आत्मसमर्पण करने और मुख्यधारा में लौटने की अपील की। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार की नीति है कि जो हथियार उठाएंगे उनसे कोई बातचीत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को समाप्त कर दिया जाए।