नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को 13वें पासपोर्ट सेवा दिवस के मौके पर देश और विदेश में तैनात पासपोर्ट अधिकारियों की सराहना की। उन्होंने इस अवसर पर ‘पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम 2.0’ की राष्ट्रव्यापी शुरुआत और ई-पासपोर्ट सुविधा के आगमन की घोषणा की। जयशंकर ने कहा कि यह पहल पासपोर्ट सेवाओं को और अधिक पारदर्शी, तेज़ और सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सेवा, सुशासन और जनकल्याण का मजबूत आधार
‘एक्स’ पर साझा अपने संदेश में विदेश मंत्री ने कहा कि पासपोर्ट सेवाओं में हुए परिवर्तन ‘सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण’ जैसे प्रमुख शासकीय मूल्यों पर आधारित हैं। उन्होंने इसे विकसित भारत की दिशा में एक केंद्रीय उपकरण बताया। जयशंकर ने कहा, “ये मूल स्तंभ पासपोर्ट सेवा प्रणाली में स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं और नागरिकों को वैश्विक अवसरों से जोड़ने में सहायक हैं।”
एक दशक में उल्लेखनीय प्रगति
विदेश मंत्री ने जानकारी दी कि 2014 में जहाँ 91 लाख पासपोर्ट जारी किए गए थे, वहीं 2024 तक यह संख्या बढ़कर 1.46 करोड़ हो गई है। उन्होंने बताया कि देशभर में पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम का नवीन संस्करण PSP V2.0 लागू कर दिया गया है, जो नवीनतम तकनीकों के जरिये कार्य दक्षता और पारदर्शिता को बढ़ाता है।
ग्लोबल स्तर पर भी विस्तार की तैयारी
जयशंकर ने बताया कि वैश्विक स्तर पर भी PSP V2.0 का पायलट प्रोजेक्ट प्रारंभ हो चुका है और इसे भारतीय दूतावासों व वाणिज्य दूतावासों में क्रमिक रूप से लागू किया जाएगा।
ई-पासपोर्ट: तकनीकी उन्नयन की दिशा में बड़ा कदम
उन्होंने कहा कि ई-पासपोर्ट प्रणाली यात्रा प्रक्रिया को और सरल बनाती है। यह पासपोर्ट एक चिप आधारित प्रणाली है जो बिना संपर्क के डेटा रीडिंग में सक्षम है और इमिग्रेशन प्रक्रिया को तेज़ बनाता है।
पुलिस सत्यापन में भी तेजी
जयशंकर ने बताया कि एमपासपोर्ट पुलिस एप्लिकेशन की वजह से 25 राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में पुलिस सत्यापन की प्रक्रिया अब औसतन 5-7 दिनों में पूरी हो रही है।
सेवा केंद्रों का विस्तार
पिछले वर्ष 10 नए पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीओपीएसके) खोले गए, जिनमें अप्रैल 2025 में कुशीनगर में खोला गया 450वां पीओपीएसके भी शामिल है। साथ ही, मोबाइल वैन सेवाओं के माध्यम से देश के दूरदराज के क्षेत्रों तक पासपोर्ट सुविधाएं पहुंचाई गई हैं।