दक्षिण कोलकाता लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना के विरोध में शनिवार को राजधानी कोलकाता की सड़कों पर राजनीतिक हलचल तेज रही। कांग्रेस छात्र परिषद और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सख्त कार्रवाई और न्यायिक जांच की मांग की। वहीं पुलिस ने जांच को गंभीरता से लेते हुए चार सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर दिया है।
कांग्रेस छात्र परिषद ने लगाया आरोप
कस्बा थाने के समक्ष कांग्रेस छात्र परिषद से जुड़े छात्रों ने धरना देते हुए कहा कि राज्य सरकार मामले को दबाने की कोशिश कर रही है और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पश्चिम बंगाल में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। उन्होंने इस मामले में न्यायिक जांच कराने की मांग की।
गरियाहाट में भाजपा का जोरदार प्रदर्शन
भाजपा ने भी इस घटना को लेकर सड़कों पर उतरने का ऐलान किया। प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने गरियाहाट चौराहे पर प्रदर्शन करते हुए कस्बा थाने की ओर कूच किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जब मजूमदार समेत कई नेताओं ने बैरिकेड हटाकर आगे बढ़ने की कोशिश की।
पुलिस ने स्पष्ट किया कि प्रदर्शन के लिए अनुमति नहीं ली गई थी, जिसके बाद भाजपा नेताओं को रोका गया। रोकने पर सुकांत मजूमदार ने सवाल किया कि जब धारा 144 लागू नहीं है, तो उन्हें क्यों रोका जा रहा है। इस पर पुलिस अधिकारियों ने जवाब दिया कि अनुमति के बिना प्रदर्शन और बैरिकेड तोड़ने के चलते उन्हें हिरासत में लिया जाएगा।
जांच के लिए गठित हुई SIT
इधर, कोलकाता पुलिस ने मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम गठित की है, जिसकी अगुवाई सहायक पुलिस आयुक्त प्रदीप घोषाल कर रहे हैं। टीम को निर्देश दिए गए हैं कि वे जल्द से जल्द सभी सबूत जुटाकर दोषियों के खिलाफ मजबूत कार्रवाई सुनिश्चित करें।
राजनीतिक रूप लेने लगा मामला
यह मामला अब केवल कानून व्यवस्था तक सीमित नहीं रहा, बल्कि चुनावी मौसम में राजनीतिक रंग भी लेने लगा है। जहां एक ओर जांच एजेंसियां सबूतों के आधार पर आगे बढ़ रही हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल सरकार की भूमिका पर लगातार सवाल उठा रहे हैं। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह मुद्दा और भी गरमाने की संभावना है।