तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने राज्य की वित्तीय चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा है कि वर्तमान में सरकार सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन लाभ, छात्रों को फीस प्रतिपूर्ति और विवाह योजनाएं जैसे ‘शादी मुबारक’ व ‘कल्याण लक्ष्मी’ को सुचारू रूप से लागू करने में कठिनाइयों का सामना कर रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार इन समस्याओं को दूर करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।
सोमवार को प्रोफेसर जयशंकर तेलंगाना राज्य कृषि विश्वविद्यालय (PJTSAU) में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रेड्डी ने ‘रायथु भरोसा योजना’ के तहत किसानों के लिए आर्थिक सहायता का शुभारंभ किया। उन्होंने घोषणा की कि इस योजना के अंतर्गत 9 दिनों में लगभग 9,000 करोड़ रुपये वितरित किए जाएंगे।
कृषकों के हित में 18 महीनों में 1 लाख करोड़ से अधिक खर्च
मुख्यमंत्री ने बताया कि कांग्रेस सरकार के 18 माह के कार्यकाल में किसानों के कल्याण पर एक लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जा चुके हैं। इसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसल खरीद, बोनस, कर्जमाफी, फसल बीमा और ‘रायथु भरोसा’ योजना जैसे प्रावधान शामिल हैं। उन्होंने कहा, “मैं विधानसभा में हर एक रुपये का विवरण देने को तैयार हूं।”
रेवंत रेड्डी ने पूर्ववर्ती बीआरएस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी नीतियों ने राज्य की अर्थव्यवस्था को गहरे संकट में डाल दिया। बावजूद इसके, मौजूदा सरकार कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता दे रही है और ‘रायथु भरोसा’ योजना के तहत 70 लाख से अधिक किसानों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य है।
खेती को लाभकारी बनाना प्राथमिकता: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने विपक्षी बीआरएस पर सरकार के कामकाज में व्यवधान डालने का आरोप लगाया और कहा कि यह पार्टी किसानों की समस्याओं पर राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि कृषि को राज्य की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बनाने के लिए जरूरी है कि इसे लाभकारी व्यवसाय में बदला जाए।
रेवंत रेड्डी ने यह भी बताया कि राज्य सरकार किसानों को मुफ्त बिजली देने पर हर साल लगभग 17,000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। उन्होंने किसानों को सौर पंप लगाने की सलाह देते हुए कहा कि इससे न केवल उन्हें मुफ्त बिजली मिलेगी, बल्कि अतिरिक्त सौर ऊर्जा को बेचकर सरकार को आय भी होगी।