ऑपरेशन सिंदूर के चार दिन बाद भारत और पाकिस्तान ने संघर्ष विराम पर सहमति जताई। इस फैसले के बाद कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सर्वदलीय बैठक बुलाने और राजनीतिक दलों को विश्वास में लेने की मांग की है। कांग्रेस ने आग्रह किया कि पिछले 18 दिनों की घटनाओं पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र भी बुलाया जाए।
कांग्रेस का बयान
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर लिखा कि अमेरिकी हस्तक्षेप के बाद युद्ध विराम की घोषणा एक महत्वपूर्ण कदम है। अब समय आ गया है कि प्रधानमंत्री मोदी सर्वदलीय बैठक बुलाकर राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए राजनीतिक दलों को विश्वास में लें। साथ ही संसद में पिछले 18 दिनों की घटनाओं और पहलगाम हमलों पर विस्तृत चर्चा हो।
ओडिशा के पूर्व सीएम का स्वागत
ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने संघर्ष विराम का स्वागत करते हुए कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने में बेहतरीन काम किया है। उन्होंने सेना की वीरता की सराहना की।
कर्नाटक के नेताओं की प्रतिक्रिया
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि युद्ध विराम के बावजूद हमें सतर्क रहना चाहिए और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। वहीं, कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने इस फैसले को दोनों देशों के लिए सकारात्मक बताया।
आरजेडी सांसद का बयान
आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि भारत ने कभी युद्ध नहीं चाहा, लेकिन जब भी युद्ध थोपा गया, हमने बहादुरी से उसका मुकाबला किया। उन्होंने सशस्त्र बलों की वीरता को सलाम करते हुए प्रधानमंत्री से विशेष सत्र बुलाने का आग्रह किया।
संघर्ष विराम की पुष्टि
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम की पुष्टि करते हुए कहा कि पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारतीय डीजीएमओ से संपर्क किया, जिसके बाद शाम 5 बजे से सभी सैन्य गतिविधियां रोकने पर सहमति बनी। यह घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्तक्षेप के बाद की गई।
अमेरिका का मध्यस्थता प्रयास
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तानी उप-प्रधानमंत्री इशाक डार से अलग-अलग बातचीत की थी। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने इस बातचीत की पुष्टि की। ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद हुए तनाव के मद्देनजर यह समझौता महत्वपूर्ण माना जा रहा है।