नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने 19 जून को अपना 55वां जन्मदिन मनाया। यह अवसर उस समय आया है, जब कांग्रेस पार्टी संगठनात्मक और जनाधार से जुड़ी कई चुनौतियों का सामना कर रही है। राज्यों में पार्टी की पकड़ लगातार कमजोर हो रही है और राजनीतिक प्रतिस्पर्धा में बीजेपी के सामने खुद को प्रासंगिक बनाए रखना एक कठिन कार्य बनता जा रहा है।
ऐसे में राहुल गांधी के जन्मदिन को यूथ कांग्रेस ने अवसर में बदलते हुए युवाओं को जोड़ने की पहल की है। इस अवसर पर दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में एक भव्य ‘रोजगार मेला’ आयोजित किया गया, जिसमें देश की तमाम निजी कंपनियों ने भाग लिया।
रोजगार के जरिए युवाओं तक पहुंचने की रणनीति
यूथ कांग्रेस की ओर से आयोजित इस रोजगार मेले में Airtel, Zepto, Blinkit, Tata, HDFC बैंक, Axis Bank, Flipkart जैसी 100 से अधिक कंपनियों ने भाग लिया। दिल्ली यूथ कांग्रेस अध्यक्ष अक्षय लाकड़ा के अनुसार, इस मेले को दिल्ली-एनसीआर का सबसे बड़ा रोजगार मंच बताया गया है, जिसमें 5,000 से अधिक रिक्त पदों के लिए 20,000 से अधिक युवाओं ने पंजीकरण कराया। इसमें आईटी, कंसल्टेंसी, बैंकिंग व अन्य क्षेत्रों की नौकरियों की पेशकश की गई।
राहुल के नाम पर राजनीतिक संदेश
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव के मुताबिक, यह आयोजन सिर्फ रोजगार उपलब्ध कराने का मंच नहीं है, बल्कि युवाओं के प्रति राहुल गांधी की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। वहीं, यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु चिब ने कहा कि यह कार्यक्रम मोदी सरकार की विफलताओं को उजागर करने का भी माध्यम है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर साल दो करोड़ नौकरियों का वादा किया था, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि देश में बेरोजगारी अपने उच्चतम स्तर पर है।
सिर्फ दिल्ली नहीं, राष्ट्रीय स्तर पर तैयारी
कांग्रेस इस प्रयास को दिल्ली तक सीमित नहीं रखना चाहती। पार्टी ने संकेत दिया है कि आने वाले महीनों में देशभर के चुनावी राज्यों में इसी तरह के जॉब फेयर आयोजित किए जाएंगे। दिल्ली के बाद बिहार, केरल, बंगाल, तमिलनाडु, असम और पुदुच्चेरी जैसे राज्यों में भी युवाओं को साधने की योजना है। यह रणनीति पार्टी की चुनावी तैयारियों का भी हिस्सा है।
युवाओं को जोड़ने का बड़ा अभियान
इस रोजगार मेले में कांग्रेस के युवा नेताओं — सचिन पायलट, इमरान प्रतापगढ़ी और कन्हैया कुमार सहित अन्य नेता शामिल हुए। यूथ कांग्रेस के अनुसार, पहले राजस्थान में आयोजित रोजगार मेले को युवाओं से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली थी, जिस मॉडल को अब राष्ट्रीय स्तर पर दोहराया जा रहा है।
बेरोजगारी पर राजनीतिक हमला
राहुल गांधी लंबे समय से रोजगार के मुद्दे को राष्ट्रीय बहस का हिस्सा बनाए हुए हैं। वे संसद से लेकर राज्यों के दौरे तक बेरोजगारी को केंद्र सरकार की बड़ी विफलता के रूप में प्रस्तुत करते आए हैं। हाल ही में बिहार में रोजगार और पलायन पर निकली यात्रा में उन्होंने भी भाग लिया और युवाओं से संवाद किया।
निष्कर्ष
राहुल गांधी का 55वां जन्मदिन यूथ कांग्रेस के लिए केवल एक उत्सव नहीं रहा, बल्कि युवाओं को पार्टी से जोड़ने और रोजगार जैसे अहम मुद्दे पर केंद्र सरकार की जवाबदेही तय करने का एक मंच बन गया। आने वाले महीनों में यह अभियान कितना असर डालता है, यह आगामी चुनावों में स्पष्ट हो जाएगा।