देश के प्रमुख हवाईअड्डों पर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा की गई हालिया निगरानी के दौरान कई स्तरों पर गंभीर खामियों का खुलासा हुआ है। डीजीसीए की ओर से जारी आधिकारिक रिपोर्ट में बताया गया कि विमानन प्रणाली के विभिन्न पहलुओं—जैसे उड़ान संचालन, रैम्प सुरक्षा, वायु यातायात नियंत्रण (ATC), संचार, नेविगेशन, सिम्युलेटर और रखरखाव व्यवस्था—में लापरवाही और नियमों की अनदेखी देखी गई।
रनवे और टैक्सीवे की हालत चिंता जनक
जांच में सामने आया कि कई हवाईअड्डों पर रनवे की केंद्रीय रेखाएं धुंधली हो चुकी हैं, जिससे लैंडिंग और टेकऑफ के दौरान दिक्कतें पैदा हो सकती हैं। रैपिड एग्जिट टैक्सीवे की ग्रीन लाइटें भी सही दिशा में काम नहीं कर रहीं थीं।
बार-बार दोहराई जा रही तकनीकी खामियां
डीजीसीए ने बताया कि कई विमानों में पहले पहचानी गई खराबियां दोबारा पाई गईं, जिससे साफ है कि सुधार कार्य प्रभावी नहीं रहे। टायर घिसने के चलते एक घरेलू उड़ान को उड़ान से पहले ही रोकना पड़ा, जिसे बाद में मरम्मत के बाद ही अनुमति दी गई।
विमान रखरखाव में मिली गंभीर गड़बड़ियां
जांच के दौरान कई विमानों में निम्नलिखित लापरवाहियां दर्ज की गईं:
- थ्रस्ट रिवर्सर और फ्लैप स्लैट लॉक नहीं किए गए थे।
- रखरखाव कार्य आदेश के अनुरूप नहीं हुआ।
- एयरक्राफ्ट मैनुअल में बताई गई सुरक्षा प्रक्रियाओं की अनदेखी।
- कुछ सीटों के नीचे लाइफ जैकेट्स नहीं पाए गए।
- विंगलेट पर लगा रस्टप्रूफ टेप टूटा मिला।
सिम्युलेटर और ग्राउंड सिस्टम में भी कमियां
एक फ्लाइट सिम्युलेटर की सेटिंग और सॉफ्टवेयर विमान के वर्तमान सेटअप से मेल नहीं खाते थे, और उसका सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं किया गया था। इसके अलावा, ग्राउंड हैंडलिंग उपकरण जैसे बैगेज ट्रॉली और टूल्स भी खराब स्थिति में पाए गए।
हवाईअड्डों पर सुरक्षा में ढिलाई
कुछ एयरपोर्ट पर वर्षों से कोई बाधा सर्वेक्षण नहीं किया गया, जबकि नए निर्माण कार्य तेजी से चल रहे हैं। कई वाहन रैम्प एरिया में बिना स्पीड कंट्रोल डिवाइस के पाए गए, जिनके परमिट और ड्राइविंग लाइसेंस रद्द किए गए हैं।
डीजीसीए ने दी सख्त चेतावनी
रिपोर्ट में चेताया गया है कि इस तरह की खामियां यात्रियों की सुरक्षा को सीधे तौर पर प्रभावित कर सकती हैं। डीजीसीए ने सभी एयरलाइनों और हवाईअड्डा प्रबंधन को निर्देश दिए हैं कि वे सुरक्षा मानकों और मरम्मत प्रक्रिया में किसी प्रकार की कोताही न करें। सरकार से यह भी अपेक्षा है कि निगरानी को और सख्त बनाया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी गड़बड़ियां समय रहते पकड़ी और सुधारी जा सकें।