प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत 30 जून को चीनी निवेश ऐप ‘LOXAM’ से जुड़े सरगना रोहित विज को गिरफ्तार किया। दिल्ली में उनके और उनकी व्यावसायिक संस्थाओं तथा सहयोगियों के पांच ठिकानों पर छापेमारी के दौरान करीब 903 करोड़ रुपये केीरूपये की धन शोधन की जानकारी मिली। जांच में आपत्तिजनक दस्तावेज और अन्य साक्ष्य भी जब्त किए गए हैं।
ईडी के मुताबिक, ‘LOXAM’ नामक यह ऐप फ्रांस की एक प्रतिष्ठित कंपनी के ब्रांड का दुरुपयोग कर विकसित किया गया था। रोहित विज और उसके सहयोगियों ने निवेशकों को आकर्षक रिटर्न का वादा कर जाल में फंसाया और उनसे असंवैधानिक रूप से बड़ी रकम ऐंठी।
जांच के दौरान मिली बैंकिंग जानकारी से हैरान करने वाले आंकड़े सामने आए। रोहित विज ने मेसर्स शिंदाई टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के खाते में 171.47 करोड़ रुपये जमा किए। इसे 38 विभिन्न खातों से निकालकर रंजन मनी कॉर्प प्राइवेट लिमिटेड और केडीएस फॉरेक्स प्राइवेट लिमिटेड जैसे शेल कंपनियों के माध्यम से मुख्यतः अमेरीकी डॉलर व यूएई दिरहम में परिवर्तित किया गया। सात माह में यह नेटवर्क 903 करोड़ रुपये से अधिक का ‘काला धन’ विदेशी मुद्रा में बदलकर हवाला चैनलों से चीनी अपराधियों तक पहुंचा चुका है।
ईडी ने रोहित विज को पांच दिनों की हिरासत में भेज दिया है। एजेंसी उसकी पूछताछ के आधार पर इस गिरोह के अन्य सदस्यों और इसके बड़े सरगनाओं तक पहुँचने की प्रक्रिया में जुटी है। साथ ही यह ट्रैक किया जा रहा है कि घोटाले से जुटाए गए अवैध धन का उपयोग किन-किन क्षेत्रों में हुआ।
इस कार्रवाई को डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर निवेश धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कदम के रूप में देखा जा रहा है। जांच पूरी होने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि साइबर अपराधों एवं अवैध धन शोधन पर कानूनी शिकंजा कस सके।