नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा महाराष्ट्र चुनावों में धांधली के आरोप लगाने के बाद चुनाव आयोग ने उन्हें औपचारिक पत्र भेजकर जवाब दिया है। आयोग ने स्पष्ट किया कि सभी चुनाव देश के संविधान और संसद द्वारा पारित कानूनों के अनुसार सख्ती से कराए जाते हैं। आयोग ने बताया कि चुनावी प्रक्रिया में हजारों अधिकारी-कर्मचारी और सभी राजनीतिक दलों के नियुक्त बूथ स्तरीय एजेंट शामिल होते हैं।
यह पत्र राहुल गांधी को 12 जून को उनके एक लेख के जवाब में भेजा गया, जिसमें उन्होंने चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे। पत्र में आयोग ने कहा कि महाराष्ट्र में विधानसभा क्षेत्र स्तर पर विकेंद्रीकृत व्यवस्था के तहत चुनाव कराए गए, जिसमें 1,00,186 बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ), 288 निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ), 139 सामान्य पर्यवेक्षक, 41 पुलिस पर्यवेक्षक, 71 व्यय पर्यवेक्षक और 288 रिटर्निंग ऑफिसर तैनात थे। इसके अतिरिक्त कांग्रेस पार्टी के 28,421 एजेंटों सहित कुल 1,08,026 बूथ लेवल एजेंट भी नियुक्त किए गए थे।
चुनाव आयोग ने लोकसभा में विपक्ष के नेता से कहा कि यदि चुनाव प्रक्रिया से जुड़ा कोई मुद्दा है तो संभवतः इसे कांग्रेस उम्मीदवारों द्वारा चुनाव याचिका के रूप में पहले ही संबंधित उच्च न्यायालय में उठाया जा चुका होगा। आयोग ने यह भी कहा कि यदि अभी भी कोई विषय लंबित है, तो वे व्यक्तिगत रूप से चर्चा करने को भी तैयार हैं।
राहुल गांधी ने दोबारा उठाया अनियमितताओं का मुद्दा
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में चुनावी गड़बड़ियों को लेकर फिर आवाज उठाई है। उन्होंने कहा कि यह मामूली अनियमितताएं नहीं, बल्कि संगठित वोट चोरी का मामला है। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक मीडिया रिपोर्ट साझा करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के निर्वाचन क्षेत्र नागपुर दक्षिण पश्चिम में केवल छह महीनों में 29,219 नए मतदाता जोड़ दिए गए।
उन्होंने लिखा कि मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में पांच महीनों में मतदाता सूची में आठ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। कुछ बूथों पर यह वृद्धि 20 से 50 फीसदी तक पहुंच गई। बीएलओ ने अज्ञात लोगों द्वारा मतदान की शिकायत की और मीडिया ने हजारों ऐसे मतदाताओं का खुलासा किया जिनके पते सत्यापित नहीं थे।
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर मौन साधने या मिलीभगत का आरोप लगाते हुए मांग की कि डिजिटल मतदाता सूची और सीसीटीवी फुटेज तत्काल सार्वजनिक किए जाएं।