फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की तीव्र आलोचना की है। संगठन ने इस बात पर जोर दिया कि इस प्रकार के हमले आर्थिक सहायता के बिना संभव नहीं हो सकते। उल्लेखनीय है कि इस आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए थे।
हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की थी, जिसमें 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की खबर है। इस ऑपरेशन के जरिए भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करने के लिए लगभग 33 देशों में अपने प्रतिनिधिमंडल भेजे।
पाकिस्तान को फिर ग्रे लिस्ट में शामिल करने की तैयारी
FATF का यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत लगातार आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर दबाव बना रहा है। भारतीय सूत्रों के मुताबिक, भारत जल्द ही पाकिस्तान को दोबारा FATF की ग्रे लिस्ट में डालने के लिए औपचारिक रूप से प्रस्ताव देने की योजना बना रहा है। वर्तमान में FATF की ग्रे लिस्ट में 24 देश शामिल हैं।
पाकिस्तान जून 2018 में FATF की ग्रे लिस्ट में डाला गया था, क्योंकि वह मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी गतिविधियों की फंडिंग पर नियंत्रण करने में विफल रहा था। हालांकि, अक्टूबर 2022 में उसे सूची से हटा दिया गया था। लेकिन हालिया हमले के मद्देनजर भारत पुनः उसे ग्रे लिस्ट में लाने की रणनीति पर काम कर रहा है।
तीसरी बार किसी आतंकी हमले की FATF द्वारा निंदा
FATF आमतौर पर आतंकी घटनाओं पर सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करता, लेकिन यह तीसरा अवसर है जब उसने किसी आतंकी हमले की सार्वजनिक रूप से निंदा की है। इससे पहले 2015 और 2019 में भी गंभीर आतंकी मामलों पर संगठन ने बयान जारी किया था।
FATF एक अंतरराष्ट्रीय निगरानी संस्था है जो मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग पर नियंत्रण की दिशा में नीति निर्धारण करती है। इसकी स्थापना 1989 में G-7 शिखर सम्मेलन के दौरान की गई थी और इसका मुख्यालय पेरिस में स्थित है।