तेहरान से 110 भारतीय छात्रों का पहला जत्था अर्मेनिया पहुंचा, कल दिल्ली रवाना होगा

नई दिल्ली: ईरान और इजरायल के बीच सैन्य तनाव तेज होने के मद्देनज़र, भारत सरकार ने अपने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए त्वरित कदम उठाए हैं। जानकारी के अनुसार, ईरान से 110 भारतीय नागरिकों का पहला समूह आज सड़क मार्ग से अर्मेनिया पहुंच चुका है। इन नागरिकों में अधिकांश छात्र होने की संभावना है, जो ईरान के विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे थे। यह जत्था कल, बुधवार 18 जून 2025 को दिल्ली के लिए हवाई मार्ग से रवाना होगा।

13 जून 2025 से शुरू हुए “ऑपरेशन राइजिंग लायन” के तहत इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष के चलते भारत ने करीब 10,000 नागरिकों, जिनमें लगभग 6,000 छात्र शामिल हैं, की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रबंध किए हैं। इजरायली सेना ने ईरान के परमाणु और सैन्य स्थलों पर हमले किए, जिसके जवाब में ईरान ने मिसाइल और ड्रोन हमले शुरू कर दिए हैं। ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल ने ईरान के वरिष्ठ सैन्य कमांडर मेजर जनरल अली शदमानी को एक मिसाइल हमले में मार गिराया है, जो युद्धकालीन कमांडर थे।

इस संघर्ष का असर हर्मुज जलसंधि पर पड़ने की आशंका है, जो वैश्विक तेल व्यापार के 20-25 प्रतिशत से जुड़ा है। संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (UNCTAD) की रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले वर्ष रेड सी संकट के दौरान इस मार्ग से गुजरने वाली जहाजों की संख्या में 42 प्रतिशत की गिरावट आई थी, जिससे शिपिंग लागत में 40 से 60 प्रतिशत तक वृद्धि हुई थी। भारत, जो अपनी तेल की ज़रूरतों का लगभग 85 प्रतिशत आयात करता है, और जिसमें से 60 प्रतिशत खाड़ी देशों से आता है, इस तनाव के चलते व्यापारिक चुनौतियों का सामना कर सकता है।

विदेश मंत्रालय ने कहा है कि तेहरान में भारतीय दूतावास स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है और वहां मौजूद नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। दूतावास ने एक आपातकालीन हेल्पलाइन (+989010144557) भी शुरू की है, साथ ही नागरिकों से अपील की है कि वे अपने इलाकों को खाली कर स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें। इसी बीच अमेरिका और चीन ने भी अपने नागरिकों को तेहरान छोड़ने की सलाह दी है, जबकि इजरायली सेना ने तेहरान के नागरिकों को सैन्य क्षेत्रों से दूर रहने के निर्देश दिए हैं।

भारत सरकार जल्द ही इस संबंध में एक नई एडवाइजरी जारी करने वाली है, जिसमें विस्तृत सुरक्षा और यात्रा निर्देश शामिल होंगे। इस बीच, जो नागरिक तेहरान छोड़ सकते हैं, उन्हें तत्काल सुरक्षित स्थानों की ओर जाने को कहा गया है। भारत स्थिति की गहन निगरानी कर रहा है और आवश्यकतानुसार अपने कूटनीतिक और व्यापारिक संबंधों का पुनर्मूल्यांकन कर सकता है, क्योंकि यह तनाव क्षेत्रीय और वैश्विक व्यापार पर गंभीर प्रभाव डाल रहा है।

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