भाजपा और सहयोगी संगठनों पर गौरव गोगोई का तीखा हमला, मुख्यमंत्री सरमा की तुलना जिन्ना से की

असम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने शुक्रवार को भाजपा और उससे जुड़े संगठनों—आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल—पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि इन संगठनों से जुड़े कुछ तत्व चुनावों से पहले जानबूझकर समाज में तनाव फैलाने की कोशिश करते हैं, ताकि सरकार की विफलताओं से जनता का ध्यान हटाया जा सके।

“मुख्यमंत्री अपना रहे जिन्ना जैसी राजनीति”

गोगोई ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की राजनीतिक शैली की तुलना मोहम्मद अली जिन्ना से करते हुए कहा कि वे असम में विभाजनकारी राजनीति को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस राज्य में ऐसी विचारधारा को पनपने नहीं देगी।

बीफ और गाय अवशेषों की घटनाओं पर गहरी जांच की मांग

गौरव गोगोई ने मांग की कि राज्य में धार्मिक स्थलों और सार्वजनिक स्थानों पर बीफ या गाय के अवशेष फेंकने जैसी घटनाओं की निष्पक्ष जांच की जाए। उन्होंने कहा कि केवल गिरफ्तार किए गए लोगों पर ही नहीं, बल्कि उन लोगों की भी जांच होनी चाहिए जिन्होंने उन्हें ऐसा करने को प्रेरित किया।

अपने ऊपर लगे आरोपों को नकारा

गोगोई ने यह भी स्पष्ट किया कि उनके कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद से उनके समर्थकों द्वारा इस प्रकार की घटनाएं फैलाने का जो आरोप लगाया जा रहा है, वह पूरी तरह से बेबुनियाद है। उन्होंने इसे विपक्ष की सोची-समझी साजिश बताया और कहा कि यह सब चुनाव से पहले ध्यान भटकाने का प्रयास है।

“असम को मणिपुर नहीं बनने देंगे”

उन्होंने मणिपुर में हुए जातीय संघर्ष की स्थिति का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस असम में ऐसी परिस्थिति को किसी कीमत पर नहीं दोहराने देगी। उन्होंने कहा, “हम राज्य में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

बाढ़ समाधान को लेकर शाह और सरमा पर साधा निशाना

बाढ़ के स्थायी समाधान पर गृह मंत्री अमित शाह द्वारा तालाब खुदवाने के बयान पर तंज कसते हुए गोगोई ने कहा, “अमित शाह ने तालाब खुदवाने की बात की थी, लेकिन अभी तक एक भी तालाब नजर नहीं आया। सरकार आदिवासी समुदायों की जमीनें अधिग्रहित कर रही है, जबकि मुख्यमंत्री ने खुद जमीन देने की बात कही थी।”

जनता के मुद्दे उठाने का भरोसा

गोगोई ने कहा कि असम की जनता आज बेरोजगारी, खराब सड़कों, बाराक घाटी में सुविधाओं की कमी और बाढ़ जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि कांग्रेस पार्टी आमजन के अधिकारों की आवाज बनेगी। उन्होंने अमानवीय बेदखली, डी-वोटर का मुद्दा और एसटी दर्जा न मिलने जैसी समस्याओं को प्राथमिकता देने की बात भी कही।

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