विदेशी मामलों के मंत्रालय ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चयन से जुड़े हालिया बयान पर भारत सरकार कोई रुख नहीं अपनाती। मंत्रालय ने कहा कि धर्म और आस्था से जुड़े मामलों पर सरकार “कोई टिप्पणी या स्थिति” नहीं रखती और भारत ने हमेशा धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान किया है।
इससे पहले केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि दलाई लामा के सभी अनुयायी यही चाहते हैं कि स्वयं धर्मगुरु ही अपने उत्तराधिकारी का चुनाव करें। रिजिजू ने ये बयान दिया, लेकिन साथ ही स्पष्ट किया कि वे यह टिप्पणी व्यक्तिगत रूप से कर रहे हैं, न कि सरकार की ओर से।
दलाई लामा ने बुधवार को जारी अपने संदेश में फिर दोहराया कि केवल ‘गादेन फोडरंग ट्रस्ट’ को ही उनके भावी पुनर्जन्म की मान्यता देने का अधिकार है, और किसी अन्य संस्था या सरकार को इसमें दखल देने का अधिकार नहीं है।
चीन ने दलाई लामा के उत्तराधिकारी चयन पर तीखी आपत्ति जताई है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि तिब्बती धार्मिक मान्यता के तहत ‘स्वर्ण कलश’ प्रणाली द्वारा पुनर्जन्म स्वीकृति के लिए चीन की मंजूरी आवश्यक है।
दलाई लामा का 90वां जन्मदिन 6 जुलाई को धर्मशाला में मनाया जाएगा। इस समारोह में केंद्रीय मंत्री रिजिजू सहित अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग और हॉलीवुड अभिनेता रिचर्ड गेर सहित कई गणमान्य शामिल होंगे।