हिजाब मामला: केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी बोले- कर्नाटक के सभी छात्र ड्रेस कोड का करें पालन

कर्नाटक (Karnataka) के कई हिस्सों में कॉलेज में हिजाब पहनने के पक्ष और विरोध में तेज होते प्रदर्शनों के बीच केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी (Union Minister Pralhad Joshi) ने कहा कि सभी छात्रों के लिए जरूरी है कि वो परिसर में तय किए गए ड्रेस कोड का पालन करें. हिजाब विवाद (Hijab Controversy) पर प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सभी छात्रों को स्कूल या प्रशासन द्वारा निर्धारित की गई ड्रेस कोड का पालन करना होगा. क्योंकि यह जरूरी है कि राज्य में कानून-व्यवस्था बनी रहे. उन्होंने कहा, ‘हमें यह देखने की जरूरत है कि छात्रों को भड़काने वाले लोग आखिर कौन हैं?’

हिजाब विवाद को लेकर उमड़े विवाद के बीच, राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) ने अगले तीन दिनों के लिए सभी हाई स्कूल और कॉलेज बंद करने का आदेश जारी किया है. सीएम बोम्मई ने कहा, ‘हम कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं. मैं छात्रों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील करता हूं.’ उन्होंने कहा, ‘मैंने स्कूल प्रशासन को निर्देश दिया है कि छात्रों के बीच कोई झड़प न हो. बाहर से आए सभी संबंधित व्यक्तियों से भड़काऊ बयान न देने की अपील की जाती है.’

इस बीच, कांग्रेस ने सरकार से अपील की है कि वो हिजाब विवाद को लेकर संसद में बयान दे. लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कर्नाटक के कुछ शिक्षण संस्थानों में हिजाब को लेकर खड़े हुए विवाद का विषय मंगलवार को सदन में उठाया और कहा कि सरकार को इस बारे में संसद में बयान देना चाहिए. उन्होंने निचले सदन में शून्यकाल के दौरान यह विषय उठाया. चौधरी ने कहा, ‘हम सदन के अंदर “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” की बात करते हैं. लेकिन देश में कुछ जगहों पर मजहब के आधार पर घिनौनी कार्रवाई हो रही है जो ठीक नहीं है.’

आज कर्नाटक हाईकोर्ट में हुई सुनवाई

उन्होंने कहा, ‘कई हिंदू तिलक लगाते हैं. कई मुस्लिम महिलाएं हिजाब पहनती हैं. कर्नाटक और कुछ अन्य जगहों पर हिजाब पहनने वाली मुस्लिम महिलाओं को रोका जा रहा है. विभिन्न धर्मों के बीच दरार पैदा हो रही है.’ कांग्रेस नेता ने कहा कि इस मामले में सरकार को सदन में बयान देना चाहिए. गौरतलब है कि इस मामले में दाखिल की गई एक याचिका पर आज कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा, ‘हमारे लिए संविधान भगवद गीता (Bhagavad Gita) के समान है. हमें संविधान के मुताबिक ही कार्य करना होगा. हम संविधान की शपथ लेने के बाद इस स्थिति पर आए हैं कि इस मुद्दे पर भावनाओं को परे रखकर सोचा जाना चाहिए.’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here