संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की ‘बच्चों और सशस्त्र संघर्ष’ पर खुली बहस के दौरान भारत ने पाकिस्तान पर तीखा हमला किया। भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत परवथानेनी हरीश ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि वह सीमा पार आतंकवाद और मानवाधिकारों के उल्लंघन को छिपाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों का दुरुपयोग कर रहा है।
राजदूत हरीश ने कहा कि पाकिस्तान लगातार भारत के खिलाफ झूठा प्रचार कर संयुक्त राष्ट्र की प्रक्रियाओं को बदनाम करने की कोशिश करता है, जबकि वह खुद अपने देश में बच्चों पर हो रहे अत्याचार और सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों से ध्यान भटकाना चाहता है। उन्होंने पाकिस्तान को बच्चों के अधिकारों का गंभीर उल्लंघन करने वाला देश बताया।
आतंकवाद के मामलों में पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल
हरीश ने अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का ज़िक्र किया, जिसमें 26 भारतीय पर्यटकों की जान गई थी। उन्होंने कहा कि इस नृशंस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन ने ली थी और सुरक्षा परिषद ने भी इसके दोषियों को सज़ा देने की बात कही थी।
उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत जवाबी कार्रवाई करते हुए आतंकियों के नौ ठिकानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया था। आश्चर्य की बात यह रही कि इन आतंकियों को पाकिस्तान में राजकीय सम्मान के साथ दफनाया गया, जिससे स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान आतंकवाद को प्रोत्साहित करता है।
पाकिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट भी सवाल उठाती है
राजदूत ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि पाकिस्तान में बच्चों के खिलाफ गम्भीर उल्लंघन दर्ज हुए हैं। इसमें स्कूलों, विशेषकर बालिका विद्यालयों पर हमले, स्वास्थ्यकर्मियों को निशाना बनाना और अफगानिस्तान सीमा पर पाकिस्तानी हमलों में बच्चों की मौत की घटनाएं शामिल हैं।
हरीश ने मई 2025 में भारतीय सीमावर्ती गांवों पर पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी की निंदा की, जिसमें कई आम नागरिक हताहत हुए। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं के बावजूद पाकिस्तान का वैश्विक मंचों से उपदेश देना उसके दोहरे मापदंड को दर्शाता है।
जम्मू-कश्मीर पर भारत का स्पष्ट रुख
अपने संबोधन के समापन पर राजदूत हरीश ने दोहराया कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग हैं और रहेंगे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान चाहे जितने भी झूठे दावे करे, सच्चाई यही है कि ये क्षेत्र भारत का अभिन्न हिस्सा हैं और रहेंगे।