भारत और फ्रांस के बीच चल रहा आठवां संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘शक्ति-VIII’ दोनों देशों की सेनाओं के बीच रणनीतिक समन्वय और परिचालन क्षमताओं को और अधिक सुदृढ़ कर रहा है। यह अभ्यास फ्रांस के दक्षिणी क्षेत्र में स्थित कैंप लारजैक, ला कावालरी में आयोजित हो रहा है।
इस अभ्यास में भारत की ओर से जम्मू-कश्मीर राइफल्स की एक बटालियन के लगभग 90 जवान भाग ले रहे हैं, जबकि फ्रांसीसी सेना की ओर से 13वीं डेमी-ब्रिगेड डे लेजियन एत्रांजेरे (विदेशी सेना ब्रिगेड) तैनात है।
शहरी युद्ध और मिशन आधारित अभियानों का प्रशिक्षण
अभ्यास के दौरान दोनों देशों की सेनाओं ने अर्ध-शहरी और शहरी क्षेत्रों में विभिन्न मिशन-आधारित अभियानों को अंजाम दिया। इनमें बाधाएं पार करना, संयुक्त गश्त, सैनिकों की तैनाती और शहरी युद्ध जैसी चुनौतियों से निपटने के अभ्यास शामिल रहे। इन गतिविधियों ने सैनिकों की रणनीतिक तैयारी और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता को मजबूत किया।
आधुनिक तकनीकों पर केंद्रित विशेष प्रशिक्षण
संयुक्त अभ्यास में इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर और ड्रोन रोधी ऑपरेशनों पर भी विशेष ध्यान दिया गया। इसमें रेडियो सिग्नलों को पकड़ने, जाम करने, स्पेक्ट्रम नियंत्रण और दुश्मन ड्रोन को निष्क्रिय करने जैसी तकनीकों का अभ्यास किया गया, जिससे आधुनिक युद्ध की परिस्थितियों में दोनों सेनाओं की दक्षता को नई मजबूती मिली।
इस अभ्यास की विशेष उपलब्धि 96 घंटे तक चला एक उच्च तीव्रता वाला संयुक्त फील्ड ऑपरेशन रहा। इसमें दोनों सेनाओं ने एक साथ मिलकर बहुआयामी युद्ध परिदृश्यों का अभ्यास किया, जहां सैनिकों की सहनशक्ति, नेतृत्व कौशल और निर्णय लेने की क्षमता की कड़ी परीक्षा हुई।
भारतीय राजदूत ने किया दौरा, सैनिकों का बढ़ाया हौसला
भारत के फ्रांस और मोनाको में राजदूत संजीव सिंगला ने कैंप का निरीक्षण किया और भारतीय सैनिकों से मुलाकात कर उनके समर्पण की सराहना की। उन्होंने भारत-फ्रांस के रक्षा सहयोग में सैनिकों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए उनका उत्साहवर्धन किया।
रक्षा सहयोग को नई दिशा
‘शक्ति-VIII’ अभ्यास से यह स्पष्ट है कि भारत और फ्रांस की सेनाएं तकनीकी समझ, रणनीतिक साझेदारी और संयुक्त अभियानों में गहराई से समन्वय स्थापित कर रही हैं। यह अभ्यास दोनों देशों के रक्षा संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के साथ ही क्षेत्रीय सुरक्षा को भी सशक्त बनाने की दिशा में एक ठोस पहल है।