तंबाकू नियंत्रण की दिशा में भारत को वैश्विक सम्मान, डबलिन में मिला प्रतिष्ठित अवॉर्ड

भारत को तंबाकू के खिलाफ ठोस और व्यापक प्रयासों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है। आयरलैंड के डबलिन में आयोजित वर्ल्ड नो टोबैको कांफ्रेंस में भारत के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को प्रतिष्ठित ब्लूमबर्ग फिलान्थ्रपीज ग्लोबल टोबैको कंट्रोल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की MPOWER रणनीति के अंतर्गत तंबाकू छोड़ने में सहायता करने वाली श्रेणी ‘O’ में प्रदान किया गया।

भारत सहित छह देशों को मिला सम्मान

इस वर्ष भारत के साथ मॉरीशस, मेक्सिको, मोंटेनेग्रो, फिलीपींस और यूक्रेन की सरकारों और सामाजिक संगठनों को भी तंबाकू नियंत्रण में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए यह सम्मान दिया गया। भारत सरकार को यह मान्यता उसके व्यापक जनस्वास्थ्य कार्यक्रम, नीतिगत प्रतिबद्धताओं और व्यापक जनजागरूकता अभियान के चलते मिली है।

WHO प्रमुख और ब्लूमबर्ग ने की प्रशंसा

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अधनोम ने कहा, “यह उपलब्धियां दर्शाती हैं कि जब सरकारें और नागरिक समाज मिलकर कार्य करते हैं, तो बड़े बदलाव संभव होते हैं।” ब्लूमबर्ग फिलान्थ्रपीज के संस्थापक माइकल आर. ब्लूमबर्ग ने इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य की दिशा में सबसे सफल वैश्विक पहलों में से एक बताया।

राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (NTCP) की भूमिका

भारत सरकार के राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत देशभर के 675 से अधिक जिला अस्पतालों में तंबाकू-मुक्ति केंद्र स्थापित किए गए हैं। वर्ष 2023-24 के दौरान इन केंद्रों में 13.5 लाख से अधिक परामर्श सत्र आयोजित किए गए। इसके साथ ही नेशनल टोबैको क्विट लाइन सेवा 16 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है, जो हर माह औसतन 42,000 कॉल प्राप्त करती है।

नए नियमों और प्रयासों से मिली गति

भारत ने हाल के वर्षों में तंबाकू नियंत्रण के लिए कई कठोर कदम उठाए हैं, जिनमें 2019 में ई-सिगरेट पर प्रतिबंध (PECA 2019), ओटीटी प्लेटफार्मों पर एंटी-टोबैको चेतावनियों को अनिवार्य करना और तंबाकू उत्पादों पर हेल्पलाइन नंबर “QUIT TODAY, CALL 1800-11-2356” लिखना शामिल है। इससे परामर्श सेवाओं में 30% तक की वृद्धि दर्ज की गई है।

समग्र दृष्टिकोण और स्वास्थ्य एकीकरण

तंबाकू नियंत्रण के प्रयासों को राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन अभियान और मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में तंबाकू-मुक्ति केंद्रों से जोड़ा गया है। एनआईएमएचएएनएस की निदेशक डॉ. प्रतिमा मूर्ति के अनुसार, mCessation, आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में स्क्रीनिंग और Quitlines जैसे साधनों से भारत तंबाकू के दुष्प्रभावों से लड़ रहा है।

अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि मजबूत

इस मौके पर माइकल ब्लूमबर्ग ने निम्न व मध्यम आय वर्ग वाले देशों में तंबाकू नियंत्रण को और बेहतर करने के लिए 20 मिलियन डॉलर की नई योजना की घोषणा की। यह निवेश भारत जैसे देशों को और अधिक मजबूती देगा।

तंबाकू के खिलाफ भारत की जंग

वर्तमान में भारत में हर साल तंबाकू के कारण लगभग 13 लाख लोगों की मृत्यु होती है। बावजूद इसके, ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (GATS) के अनुसार 2009-10 से 2016-17 के बीच तंबाकू सेवन में 6% की गिरावट दर्ज की गई है।

मोदी सरकार की प्रतिबद्धता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने इस दिशा में स्पष्ट और कड़े फैसले लिए हैं। 2020 में स्थापित राष्ट्रीय मौखिक स्वास्थ्य एवं तंबाकू निष्कासन संसाधन केंद्र और 2024 में स्वास्थ्य कर्मियों के लिए जारी दिशा-निर्देश इसके उदाहरण हैं।

भारत को यह सम्मान क्यों मिला?

  • 675 से अधिक तंबाकू-मुक्ति केंद्रों में लाखों परामर्श सत्र
  • 16 भाषाओं में क्विटलाइन सेवा, मासिक 42,000 कॉल
  • ई-सिगरेट पर प्रतिबंध, OTT चेतावनियाँ
  • टीबी-तंबाकू नियंत्रण का एकीकृत मॉडल
  • GATS के अनुसार तंबाकू सेवन में 6% की गिरावट

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