मध्य पूर्व में जारी भू-राजनीतिक तनाव के बीच केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रविवार को आश्वस्त किया कि भारत की ईंधन आपूर्ति स्थिर है और आम जनता को किसी भी तरह की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
होर्मुज जलडमरूमध्य पर भारत की निर्भरता कम हुई: पुरी
एक सोशल मीडिया पोस्ट में पुरी ने कहा कि सरकार बीते दो सप्ताह से पश्चिम एशिया की स्थिति पर बारीकी से नजर रखे हुए है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने पिछले कुछ वर्षों में अपने ऊर्जा स्रोतों में विविधता लाई है, जिससे अब बड़ी मात्रा में ईंधन होर्मुज जलडमरूमध्य के रास्ते नहीं आता।
उन्होंने यह भी बताया कि देश की तेल विपणन कंपनियों के पास कई सप्ताह की आपूर्ति का भंडार है, और आवश्यक होने पर वैकल्पिक मार्गों से आपूर्ति जारी रखी जाएगी। पुरी ने भरोसा दिलाया कि ईंधन आपूर्ति की निरंतरता बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।
गौरतलब है कि भारत प्रतिदिन करीब 5.5 मिलियन बैरल कच्चे तेल का आयात करता है, जिसमें से लगभग 2 मिलियन बैरल तेल होर्मुज जलडमरूमध्य से होकर आता है। हालांकि, अब भारत के पास रूस, अमेरिका और ब्राजील जैसे कई अन्य विकल्प मौजूद हैं, जो किसी भी संभावित आपूर्ति बाधा की भरपाई करने में सक्षम हैं।
तेल की कीमतों को लेकर अनिश्चितता
तेल की कीमतों के बारे में पूछे गए सवाल पर पुरी ने कहा कि इनका अनुमान लगाना बेहद कठिन है। उन्होंने बताया कि कीमतें लंबे समय तक 65 से 75 डॉलर प्रति बैरल के बीच रही हैं। होर्मुज जलडमरूमध्य के हालिया घटनाक्रमों का असर बाजार खुलने के बाद देखा जा सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि वैश्विक बाज़ार में अब भी पर्याप्त कच्चा तेल उपलब्ध है, और पारंपरिक आपूर्तिकर्ता भी आपूर्ति बनाए रखने को इच्छुक होंगे क्योंकि उन्हें भी आर्थिक संतुलन बनाए रखना है। पुरी ने उम्मीद जताई कि बाज़ार इस स्थिति को संतुलित तरीके से संभालेगा।
सरकार की प्राथमिकता – स्थिर आपूर्ति और किफायती ईंधन
मंत्री पुरी ने ज़ोर देकर कहा कि केंद्र सरकार ने सिर्फ आपूर्ति सुनिश्चित करने पर ही नहीं, बल्कि आम जनता तक ईंधन को सुलभ और किफायती बनाए रखने पर भी लगातार काम किया है। उन्होंने दोहराया कि सरकार ईंधन की उपलब्धता और क़ीमतों को स्थिर रखने के लिए सभी ज़रूरी उपाय करेगी।
ईरान में होर्मुज जलडमरूमध्य बंद करने का प्रस्ताव पारित
इस बीच खबर है कि ईरान की संसद ने होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है। हालांकि, अंतिम निर्णय ईरान की सुप्रीम राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद द्वारा लिया जाएगा।
आईईए की चेतावनी
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) पहले ही आगाह कर चुकी है कि यदि इस प्रमुख जलमार्ग में रुकावट आती है तो इसका वैश्विक तेल आपूर्ति पर गहरा असर होगा। एजेंसी के अनुसार, मौजूदा हालात में ऊर्जा आपूर्ति की सुरक्षा विश्व स्तर पर एक प्रमुख चिंता का विषय बनी हुई है।
होर्मुज जलडमरूमध्य का वैश्विक महत्व
होर्मुज जलडमरूमध्य फारस की खाड़ी और ओमान की खाड़ी को जोड़ता है और विश्व के सबसे व्यस्त और रणनीतिक समुद्री मार्गों में शामिल है। वैश्विक तेल व्यापार का एक बड़ा हिस्सा इसी मार्ग से होता है। अगर क्षेत्रीय तनाव और बढ़ता है, तो इससे न केवल भारत, बल्कि दुनिया के कई देशों की ऊर्जा आपूर्ति और अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है।