पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा को लेकर गहरी चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं आम लोगों के लिए बेहद पीड़ादायक होती हैं, लेकिन कुछ राजनीतिक तत्व इन हालातों का फायदा उठाकर माहौल को और भड़काते हैं।
राज्य के उत्तरी जिलों जैसे जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार और सिलीगुड़ी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि हिंसा फैलाने वाले लोग नहीं चाहते कि समाज में शांति या तरक्की हो। उन्होंने कहा कि दंगे केवल तबाही लाते हैं—घरों को नुकसान होता है, लोगों की जान जाती है और सामाजिक सौहार्द को गहरी चोट पहुंचती है।
ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि जब अशांति फैलती है, तो कुछ राजनेताओं को इसे राजनीतिक रूप से भुनाने का अवसर मिल जाता है। उन्होंने कहा, “मैं किसी भी प्रकार की हिंसा नहीं चाहती। मेरा लक्ष्य राज्य में शांति, सुरक्षा और एकता बनाए रखना है। मैं चाहती हूं कि लोग डर के बिना जीवन जी सकें।”
सोशल मीडिया पर भ्रामक पोस्टों के बढ़ते चलन पर भी उन्होंने नाराजगी जताई। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकांश आपत्तिजनक पोस्ट फर्जी हैं और इन्हें फैलाने वाले लोग केवल आर्थिक लाभ के लिए समाज में जहर घोलने का काम करते हैं। उन्होंने साफ कहा कि वह ऐसे लोगों का समर्थन नहीं करतीं जो झूठ और अफवाहें फैलाकर समाज को बांटना चाहते हैं।
ममता बनर्जी ने लोगों से एकता, सामाजिक सद्भाव और देश के लिए सकारात्मक योगदान देने की अपील की।
गौरतलब है कि बीते महीने वक्फ अधिनियम में संशोधन के विरोध में मुर्शिदाबाद जिले के कई इलाकों में हिंसा भड़क उठी थी। शमशेरगंज, सुती, धुलियान और जंगीपुर जैसे क्षेत्रों में स्थिति बिगड़ गई थी, जिसमें तीन लोगों की जान चली गई थी। हिंसा के चलते कई लोग अपने घर छोड़कर मालदा जिले में बनाए गए राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हो गए।
इस घटनाक्रम को लेकर राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपते हुए बताया कि राज्य को चरमपंथ और कट्टरपंथ के दोहरे खतरे का सामना करना पड़ रहा है, जो कानून-व्यवस्था के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुकी है।