भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव अब केवल सैन्य या कूटनीतिक दायरे में सीमित नहीं हैं, बल्कि आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी व्यापक कदम उठाए जा रहे हैं। गृह मंत्रालय ने 7 मई को देशभर में नागरिक सुरक्षा से संबंधित मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश जारी किया है। यह फैसला हाल के पहलगाम आतंकी हमले, सिंधु जल संधि के निलंबन और पाकिस्तान की उकसाने वाली बयानबाज़ी के मद्देनज़र लिया गया है।
मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देशित किया है कि वे इस अभ्यास के माध्यम से आम लोगों, छात्रों और नागरिकों को आपातकालीन परिस्थितियों में आत्मरक्षा और सुरक्षा के उपायों की जानकारी दें।
मॉक ड्रिल में ये गतिविधियाँ प्रमुख होंगी:
- एयर रेड सायरन की जांच: संभावित हमले की स्थिति में अलर्ट सिस्टम की कार्यप्रणाली का परीक्षण।
- नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण: आम नागरिकों को हमले की स्थिति में सुरक्षात्मक कदम उठाने का प्रशिक्षण।
- ब्लैकआउट अभ्यास: हमले के समय प्रकाश पूरी तरह बंद करने की रणनीति।
- कैमोफ्लाज उपाय: देश के संवेदनशील स्थानों और प्रतिष्ठानों को छिपाने की तैयारी।
- आपातकालीन निकासी योजना: लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की प्रक्रिया का अभ्यास।
पाकिस्तान को कड़ा संदेश, भारत की व्यापक तैयारी
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ विभिन्न स्तरों पर सक्रिय रणनीति अपनानी शुरू कर दी है। सिंधु जल समझौते को निलंबित करने के साथ-साथ, बगलिहार डैम से पाकिस्तान की ओर बहने वाले पानी के प्रवाह को 90 प्रतिशत तक घटा दिया गया है। अब किशनगंगा परियोजना के जरिये झेलम नदी का पानी भी रोका जा सकता है।
इन प्रयासों से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि भारत अब रक्षात्मक ही नहीं, बल्कि आक्रामक रणनीति के तहत काम कर रहा है। मॉक ड्रिल अब केवल सुरक्षा बलों का अभ्यास नहीं, बल्कि आम नागरिकों की भी मानसिक और भौतिक तैयारी का हिस्सा बन चुकी है।