असम में भारी बारिश और बाढ़ से 29 जिलों में तबाही मची हुई है। राज्य की 23 लाख से अधिक आबादी बाढ़ से प्रभावित है। इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने रविवार को कामरूप जिले में राहत शिविरों का दौरा किया और वहां रह रहे लोगों की स्थिति का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने राहत शिविरों में रह रहे लोगों से बातचीत की और जिला प्रशासन को सभी आवश्यक सहायताएं प्रदान करने के निर्देश दिए।

बाढ़ पीड़ितों से मिले सीएम हिमंत बिस्व सरमा
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, ‘आज, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने पलाशबाड़ी में अमृत चंद्र ठाकुरिया कॉमर्स कॉलेज में राहत शिविर का दौरा किया। यहां बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के 28 व्यक्तियों को शिविर में रखा गया है।’ सीएमओ ने एक अन्य पोस्ट में बताया कि मुख्यमंत्री ने एलपी स्कूल, नाहिरा में एक राहत शिविर में शरण लिए लोगों से भी मुलाकात की। मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा शिविर में उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लिया गया। इसके अलावा कामरूप के उपायुक्त को लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए कहा है। यह निर्देश भी दिया गया है कि बच्चों और बुजुर्गों की जरूरतों का विशेष ध्यान रखा जाए। विज्ञापन

असम में बाढ़ से 23 लाख से अधिक लोग प्रभावित
इसके अलावा सीएम सरमा ने नाहिरा गुइमारा के एक विद्यालय का भी दौरा किया और वहां ठहरे लोगों से बातचीत की। सीएमओ के अनुसार, ‘मुख्यमंत्री ने वहां अलग अलग शिविरों में रह रहे 236 लोगों से मुलाकात की। इस दौरान कामरूप जिले के अधिकारियों को सभी आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक असम के 29 जिलों के 107 राजस्व क्षेत्रों और 3,535 गांवों के कुल 23,96,648 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ की वजह से 129 वन्यजीवों की मौत
असम के प्रसिद्ध काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में विनाशकारी बाढ़ के कारण अब तक कुल 129 वन्यजीवें की मौत हो चुकी है। एक अधिकारी ने बताया कि मृत वन्यजीवों में छह गैंडे, 100 हॉग हिरण (पाढ़ा), दो सांभर और एक ऊदबिलाव शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इनमें की कई की मौत पानी में डूबने की वजह से हुई। इसके अलावा दो वन्यजीव उस समय वाहनों की चपेट में आ गए, जब वे बाढ़ से बचने के लिए ऊंचे स्थानों पर जा रहे थे। आपको बता दें कि काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में वन्यजीव कार्बी आंगलोंग की पहाड़ियों को पार करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग-715 के एक हिस्से का उपयोग करते हैं।