कोलकाता स्थित ‘साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज’ में कानून की छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले की जांच के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य अर्चना मजूमदार रविवार को कॉलेज पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस उन्हें पीड़िता की वर्तमान स्थिति की जानकारी नहीं दे पाई। अर्चना ने कहा कि आयोग पीड़िता के साथ खड़ा है और जब तक पीड़िता की जरूरत होगी, आयोग उसकी सहायता करता रहेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि आयोग ऐसे मामलों में पीड़िता के साथ-साथ उसके परिजनों से बातचीत कर यह समझने का प्रयास करता है कि वे किस प्रकार की मदद चाहते हैं—चाहे वह सुरक्षा हो, शिक्षा में सहयोग या मानसिक समर्थन।
जांच के दौरान पुलिस से तीखी बहस
कॉलेज परिसर में प्रवेश के समय अर्चना की पुलिस अधिकारियों से तीखी बहस हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि न तो उन्हें पीड़िता से मिलने दिया जा रहा है, न ही घटनास्थल पर जाने की अनुमति मिल रही है और फोटोग्राफी करने से भी रोक दिया गया। उन्होंने दावा किया कि पुलिस जानबूझकर आयोग को सच्चाई से दूर रख रही है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तेज
वहीं राज्य सरकार की ओर से मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा कि आयोग को देश के अन्य राज्यों में भी इस तरह की घटनाओं पर सक्रियता दिखानी चाहिए। उन्होंने मणिपुर और ओडिशा जैसे राज्यों का उदाहरण देते हुए आयोग की कार्यशैली पर संदेह जताया।
भाजपा नेता सुकांत मजूमदार की रिहाई
इस बीच, केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता सुकांत मजूमदार को कोलकाता पुलिस मुख्यालय से रिहा कर दिया गया। उन्हें अन्य भाजपा नेताओं के साथ रातभर हिरासत में रखा गया था। रिहा होने के बाद उन्होंने राज्य सरकार पर लोकतंत्र के दमन का आरोप लगाया और ऐलान किया कि भाजपा कार्यकर्ता अब “बिना जमानत आंदोलन” के तहत गिरफ्तारी के बाद पुलिस थानों से रिहा नहीं होंगे, बल्कि अदालत में पेशी की मांग करेंगे।
शिक्षा मंत्री ने राज्य सरकार पर साधा निशाना
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पश्चिम बंगाल में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर कड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि जिस राज्य ने देश को अनेक महान विचारक दिए, वहां आज कानून व्यवस्था की स्थिति शर्मनाक हो गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज और लॉ कॉलेज की घटनाओं में सत्ताधारी दल से जुड़े लोगों की संलिप्तता सामने आ रही है, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुप्पी साधे हुए हैं।