भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को यूके हाईकोर्ट से एक बार फिर झटका लगा है। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) से जुड़े करीब 1 अरब डॉलर (6498.20 करोड़ रुपये) की धोखाधड़ी मामले में नीरव मोदी की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है। इससे उनके भारत प्रत्यर्पण की संभावनाएं और भी मजबूत हो गई हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) का बयान
ईडी ने अपने बयान में कहा कि नीरव मोदी के खिलाफ भारत सरकार की कार्रवाई लगातार जारी है। फरवरी 2018 में दर्ज एफआईआर के आधार पर PMLOA के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसके तहत ईडी ने नीरव मोदी और उनके 35 सहयोगियों/कंपनियों के खिलाफ अभियोजन शिकायतें दायर की हैं।
नीरव मोदी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किए जाने के बाद 692.90 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं। लंदन में प्रत्यर्पण प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है।
यूके हाईकोर्ट का फैसला: जांच एजेंसियों की बड़ी सफलता
यूके हाईकोर्ट का फैसला भारत सरकार और जांच एजेंसियों के लिए कानूनी जीत माना जा रहा है। नीरव मोदी की लगातार जमानत याचिकाएं खारिज होना यह दर्शाता है कि अदालतें उनके खिलाफ पेश किए गए सबूतों और दलीलों को मजबूत मान रही हैं।
चौथी बार खारिज हुई जमानत याचिका
शुक्रवार को ईडी ने बताया कि 15 मई को हुई सुनवाई में नीरव मोदी की चौथी जमानत अर्जी भी खारिज कर दी गई। यह याचिका उन्होंने स्वास्थ्य कारणों और न्यायिक प्रक्रिया में देरी का हवाला देकर दाखिल की थी।
जमानत याचिका पर विरोध
सुनवाई के दौरान, भारत सरकार की ओर से पेश क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) और ईडी ने जमानत का कड़ा विरोध किया। ईडी ने कोर्ट को बताया कि नीरव मोदी ने शेल कंपनियों के माध्यम से विदेशों में मनी लॉन्ड्रिंग की, जिसमें यूके और अन्य देशों में संपत्तियों की खरीद-फरोख्त भी शामिल है।
ईडी ने जानकारी दी कि धोखाधड़ी की बड़ी राशि में से 2626.62 करोड़ रुपये की संपत्तियों को चिन्हित कर उन्हें कुर्क किया गया है। इनमें से 1052.42 करोड़ रुपये की संपत्तियां पीड़ित बैंकों को वापस की जा चुकी हैं।
पहले भी खारिज हो चुकी हैं याचिकाएं
इससे पहले भी नीरव मोदी को यूके की निचली अदालतों से तीन बार जमानत नहीं मिली थी। उनकी चौथी याचिका में उन्होंने यूके डिस्ट्रिक्ट जज जानी के 7 मई 2024 के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें जमानत देने से इनकार किया गया था।