‘ऑपरेशन सिंदूर’ से दिखा भारत का पराक्रम: 22 मिनट में दुश्मन पस्त- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस ऐतिहासिक आयोजन में भाग लिया, जो भारत के दो महान आध्यात्मिक और नैतिक नेताओं — श्री नारायण गुरु और महात्मा गांधी — के बीच संवाद की 100वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था। इस अवसर पर उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए भारत की आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक नीति को रेखांकित किया।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने यह सिद्ध कर दिया है कि जो लोग निर्दोष भारतीयों का खून बहाते हैं, उनके लिए अब दुनिया में कोई भी जगह सुरक्षित नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि हाल के अभियानों ने यह दिखा दिया कि आधुनिक भारत अपने हितों की रक्षा के लिए तेजी से और सटीक निर्णय लेने में सक्षम है। उन्होंने कहा, “अब भारत वही करता है, जो देशहित में सही हो। दुनिया ने हाल में यह देखा कि भारत का सामर्थ्य क्या है और कैसे हमने महज कुछ मिनटों में विरोधियों को झुका दिया।”

श्री नारायण गुरु और महात्मा गांधी की ऐतिहासिक मुलाकात की प्रासंगिकता

अपने भाषण की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने उस ऐतिहासिक क्षण को याद किया, जब सौ साल पहले श्री नारायण गुरु और महात्मा गांधी का संवाद हुआ था। उन्होंने कहा, “आज यह स्थल उस अनोखी घटना का साक्षी बन रहा है जिसने स्वतंत्रता संग्राम को नई दृष्टि दी और हमारे राष्ट्रीय लक्ष्यों को गहराई प्रदान की।”

गुरु नारायण की प्रेरणा आज भी जीवंत

प्रधानमंत्री ने श्री नारायण गुरु को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें सामाजिक समरसता और राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा का स्तंभ बताया। उन्होंने कहा, “एक सदी पूर्व हुई वह मुलाकात आज भी उतनी ही प्रेरणादायक है। यह आज के भारत की आकांक्षाओं और सामाजिक एकता के प्रयासों को ऊर्जा देने वाली शक्ति है।”

शोषित-वंचित समाज के प्रति गहरी संवेदनशीलत

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि श्री नारायण गुरु जैसे विचारक उनके सामाजिक सरोकारों के मूल में हैं। उन्होंने कहा, “मैं जब भी शोषित, पीड़ित, और वंचित वर्ग के लिए निर्णय लेता हूं, गुरु देव की शिक्षाएं मेरे निर्णयों का आधार बनती हैं। मेरे इस समाज से आत्मीय संबंध हैं।”

संतों की परंपरा और भारत की आध्यात्मिक विरासत

मोदी ने कहा कि भारत की एक अनोखी विशेषता यह है कि जब भी देश को दिशा की आवश्यकता होती है, तब कोई न कोई संत या समाज सुधारक उभरकर आता है। “कभी कोई आत्मिक उत्थान के लिए कार्य करता है, तो कभी कोई समाज को नए विचारों से प्रेरित करता है। श्री नारायण गुरु ऐसे ही एक महान संत थे, जिन्होंने भारतीय समाज को गहन दिशा दी।”

ग्लोबल इनिशिएटिव्स में भारत की भूमिका

प्रधानमंत्री ने भारत के वैश्विक नेतृत्व की ओर भी ध्यान खींचा। उन्होंने बताया कि हाल में संपन्न अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम थी “वन अर्थ, वन हेल्थ” (एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य), जो भारत की “वसुधैव कुटुंबकम” की भावना को प्रकट करती है। उन्होंने कहा, “भारत आज सतत विकास की दिशा में ‘वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड’ जैसे अभियानों का नेतृत्व कर रहा है और 2023 की G20 अध्यक्षता में हमने ‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर’ का संदेश दिया था।”

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