ऑपरेशन सिंदूर पर सेना के खुलासे से गरमाई सियासत, कांग्रेस ने चीन मुद्दे पर संसद में बहस की मांग दोहराई

भारतीय सेना के उप-प्रमुख (क्षमता विकास एवं स्थायित्व) लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह के हालिया बयान पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा था कि चीन ने भारतीय सैन्य परिसंपत्तियों से जुड़ा लाइव डेटा पाकिस्तान को उपलब्ध कराया और तुर्किये द्वारा पाकिस्तान को ड्रोन आपूर्ति की जानकारी दी थी।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि यह वही बात है जिसकी आशंका ऑपरेशन सिंदूर के अचानक खत्म होने के बाद से की जा रही थी। रमेश ने कहा, “सेना के वरिष्ठ अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी से यह स्पष्ट होता है कि उस समय असल चुनौती पाकिस्तान से नहीं, बल्कि चीन से थी, जो पाकिस्तान की वायुसेना पर अप्रत्याशित रूप से नियंत्रण कर रहा था। यह खुलासा उतना ही गंभीर है जितना कि सीडीएस जनरल अनिल चौहान द्वारा सिंगापुर में दिया गया बयान।”

संसद में चीन पर चर्चा की मांग

कांग्रेस ने लंबे समय से यह मांग की है कि चीन द्वारा उत्पन्न रणनीतिक, आर्थिक और कूटनीतिक चुनौतियों पर संसद में खुली बहस कराई जाए। रमेश ने कहा कि चीन केवल पाकिस्तान की मदद नहीं कर रहा, बल्कि अब वह पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ त्रिपक्षीय सहयोग भी बढ़ा रहा है। उन्होंने चीन के साथ भारत के बढ़ते व्यापार घाटे को भी चिंता का विषय बताया।

रमेश ने उम्मीद जताई कि 21 जुलाई से शुरू होने वाले संसद सत्र, जिसे चार दिन के लिए बढ़ाया गया है, में चीन से संबंधित तमाम पहलुओं पर चर्चा का अवसर मिलेगा। कांग्रेस इस मुद्दे पर साझा रणनीति की जरूरत पर बल देती रहेगी।

‘पाकिस्तान को चीन का समर्थन, अमेरिका एक अलग चुनौती’

कांग्रेस सांसद ने कहा कि पाकिस्तान से भारत की पारंपरिक सुरक्षा चुनौतियां बनी हुई हैं, लेकिन अब उसे चीन का प्रत्यक्ष समर्थन प्राप्त है, जिससे हालात और गंभीर हो गए हैं। वहीं अमेरिका एक भिन्न श्रेणी की चुनौती बना हुआ है।

सर्वदलीय बैठक पर जताया भरोसा नहीं

19 जुलाई को प्रस्तावित सर्वदलीय बैठक पर प्रतिक्रिया देते हुए जयराम रमेश ने कहा, “ये बैठकें केवल औपचारिकता होती हैं। वास्तविक नीति निर्धारण प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के स्तर पर होता है, जो इनमें भाग नहीं लेते। इसलिए इनसे विशेष अपेक्षा नहीं है।”

‘पहलगाम और ऑपरेशन सिंदूर पर भी हो चर्चा’

रमेश ने यह भी कहा कि कांग्रेस यह मांग करेगी कि संसद में पहलगाम हमले और उसमें अब तक न हुई कार्रवाई पर भी विचार किया जाए। साथ ही, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ऑपरेशन सिंदूर को रुकवाने के दावे और संभावित भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर भी बहस होनी चाहिए।

“हालांकि सबसे बड़ी प्राथमिकता चीन से जुड़ी सभी गंभीर और बहुस्तरीय चुनौतियों पर ठोस और विस्तृत चर्चा रहनी चाहिए,” उन्होंने अंत में कहा।

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