भारत का रेलवे नेटवर्क उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक फैला हुआ है। हर दिन लगभग 2 करोड़ 20 लाख लोग ट्रेनों से सफर करते हैं, जिनमें से करीब 16 लाख यात्री रिजर्व सीटों—जैसे स्लीपर और एसी कोच—में यात्रा करते हैं। टिकट बुक होने के बाद करीब 21% लोग अपना टिकट रद्द कर देते हैं, जबकि लगभग 4-5% यात्री बुकिंग के बावजूद यात्रा नहीं करते। वहीं प्रतीक्षा सूची में शामिल लगभग 25% यात्रियों का टिकट यात्रा से पहले कन्फर्म हो जाता है। उदाहरण के तौर पर, 72 सीटों वाले एक स्लीपर कोच में औसतन 18 टिकट प्रतीक्षा सूची से कन्फर्म हो सकते हैं।
तत्काल टिकट के लिए आधार लिंक अनिवार्य
1 जुलाई से रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग के लिए एक नई व्यवस्था लागू की है। अब केवल वही यात्री तत्काल टिकट बुक कर सकेंगे, जिनका IRCTC खाता आधार से लिंक या वेरीफाइड होगा। वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर केवल सत्यापित उपयोगकर्ता ही बुकिंग कर पाएंगे। इसके अलावा, जुलाई के अंत तक एक OTP आधारित प्रणाली लागू होगी, जिसमें टिकट बुकिंग के समय आधार से लिंक OTP जनरेट होगा और उसे दर्ज करने के बाद ही टिकट बुक होगा।
प्रतीक्षा सूची वालों को राहत
रेलवे ने यह भी घोषणा की है कि अब प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों को चार्ट तैयार होने की जानकारी यात्रा से 8 घंटे पहले मिल जाएगी। अभी तक यह जानकारी सिर्फ 4 घंटे पहले मिलती थी। यह बदलाव चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा और शुरुआत में कुछ चुनिंदा ट्रेनों पर इसे लागू किया जाएगा। इस कदम से यात्रियों को वैकल्पिक योजना बनाने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा, खासकर उन लोगों के लिए जो दूर-दराज से स्टेशन पहुंचते हैं।
VVIP कोटे पर भी लागू होगा नया नियम
नए नियमों के तहत VVIP कोटे की सीटों को भी 8 घंटे पहले तैयार किए जाने वाले चार्ट में शामिल किया जाएगा। यदि ट्रेन दोपहर 2 बजे या उससे पहले रवाना होती है, तो चार्ट रात 9 बजे ही तैयार हो जाएगा। वहीं, यदि ट्रेन दोपहर 2 बजे के बाद चलती है, तो चार्ट रवाना होने से 8 घंटे पहले बनाया जाएगा।
नई बुकिंग प्रणाली दिसंबर 2025 तक
रेलवे दिसंबर 2025 तक एक नया Passenger Reservation System (PRS) शुरू करने की तैयारी में है, जिससे टिकट बुकिंग की रफ्तार पांच गुना बढ़ जाएगी। फिलहाल प्रति मिनट 32 हजार टिकट बुक होते हैं, जबकि नए सिस्टम में यह संख्या 1.5 लाख प्रति मिनट तक पहुंच जाएगी। साथ ही, प्रति मिनट 40 लाख पूछताछ संभव हो सकेंगी, जो मौजूदा व्यवस्था से 10 गुना अधिक है। यह प्रणाली यात्रियों को विभिन्न भाषाओं में टिकट बुकिंग की सुविधा भी देगी।
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