नई दिल्ली। देश की सैन्य क्षमताओं को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने 3 जुलाई को लगभग 1.05 लाख करोड़ रुपये की रक्षा सामग्री की खरीद को स्वीकृति दे दी है। यह संपूर्ण खरीद ‘मेक इन इंडिया’ नीति के तहत घरेलू कंपनियों से की जाएगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
सेना को मिलेंगे नए हथियार और सिस्टम
बैठक में सेना के लिए बख्तरबंद रिकवरी वाहन, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली और तीनों सेनाओं के लिए एकीकृत इन्वेंटरी प्रबंधन प्रणाली की खरीद पर सहमति बनी है। इसके अतिरिक्त सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली की भी स्वीकृति दी गई है। इन सभी उपकरणों से सेनाओं की युद्ध क्षमता और तैयारियों को मजबूती मिलेगी।
नौसेना की सुरक्षा को मिलेगा संबल
नौसेना के लिए समुद्री बारूदी सुरंगें, माइन काउंटर मेजर वेसल्स, सुपर रैपिड गन माउंट और स्वायत्त जलयानों (Autonomous Underwater Vehicles) की खरीद की जाएगी। इससे समुद्री सीमाओं और व्यापारिक मार्गों की सुरक्षा को बेहतर किया जा सकेगा।
भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग को नई दिशा
इस बीच भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग को लेकर भी अहम प्रगति हुई है। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन की ओर से जारी बयान के अनुसार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ के बीच हुई टेलीफोन वार्ता में अगले 10 वर्षों के लिए एक नया रक्षा सहयोग समझौता करने पर सहमति बनी है। यह समझौता अमेरिका-भारत रक्षा संबंधों को और व्यापक बनाएगा।
बयान में बताया गया कि आगामी बैठक में दोनों देश इस नए रक्षा ढांचे पर दस्तखत कर सकते हैं। साथ ही अमेरिका से भारत को की जाने वाली बड़ी रक्षा डील्स और रक्षा निर्माण में औद्योगिक सहयोग को लेकर भी चर्चा हुई।
तेजस के इंजन और F414 डील पर भारत की मांग
बातचीत के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका से आग्रह किया कि तेजस लड़ाकू विमान के लिए GE F404 इंजन की आपूर्ति में तेजी लाई जाए। इसके अलावा, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और GE Aerospace के बीच भारत में F414 जेट इंजन के संयुक्त निर्माण संबंधी प्रस्ताव को शीघ्र अंतिम रूप देने की अपील भी की गई।