पत्रकार सौम्या विश्वनाथन हत्या मामले में दोषियों को सुप्रीम कोर्ट से राहत

पत्रकार सौम्या विश्वनाथन हत्या मामले में दोषियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें सभी चारों दोषियों की सजा को निलंबित करने और जमानत देने का आदेश दिया गया था. जस्टिस बेला त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली बेंच ने बुधवार को इस मामले की सुनवाई की. बेंच ने कहा कि वह दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने को लेकर इच्छुक नहीं है. पीड़ित परिवार ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.

सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले 2008 में पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या के मामले में चारों दोषियों को नोटिस जारी किया था. दिल्ली पुलिस ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देते हुए अपील दायर की थी, जिसमें चारों दोषियों की आजीवन कारावास की सजा को निलंबित कर दिया गया था और उन्हें अंतरिम बेल दे दी थी.

इससे पहले न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने दिल्ली पुलिस द्वारा दायर चार याचिकाओं पर नोटिस जारी किया था और उन्हें चारों दोषियों को दी गई बेल के खिलाफ पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की मां की लंबित याचिका के साथ संलग्न कर दिया था.

2008 में पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हुई थी हत्या

बता दें कि पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की सितंबर 2008 में दक्षिण दिल्ली के नेल्सन मंडेला मार्ग पर काम से घर लौटते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सौम्या विश्वनाथन की हत्या को लेकर दिल्ली के एक अदालत का फैसला आया था.

25 नवंबर, 2023 को सुनाए गये फैसले में चारों आरोपियों को मकोका की धारा 3(1)(i) (किसी व्यक्ति की मौत के लिए संगठित अपराध करना) और आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.

दिल्ली हाईकोर्ट ने सजा को निलंबित करने का दिया था आदेश

चारों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के तीन महीने बाद 12 फरवरी को दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनकी सजा को निलंबित कर दिया और उनकी दोषसिद्धि और सजा को चुनौती देने वाली अपीलों के लंबित रहने तक उन्हें जमानत दे दी.

इस फैसले के खिलाफ पीड़ित परिवार ने सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दायर की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने को लेकर इच्छुक नहीं है.

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