सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को तमिलनाडु सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या राज्य सरकार एडीजीपी एच.एम. जयराम के खिलाफ कथित अपहरण मामले की जांच सीआईडी या विशेष जांच इकाई को सौंपने पर विचार कर रही है।
न्यायमूर्ति उज्जल भुइंया और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ के समक्ष सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे ने बताया कि जयराम का निलंबन 16 जून को पारित उच्च न्यायालय के आदेश का परिणाम नहीं है, बल्कि उनके विरुद्ध पहले से लंबित आरोपों के कारण यह कार्रवाई की गई है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से स्पष्ट जानकारी देने को कहा कि जांच किस एजेंसी को सौंपी जाएगी।
एडीजीपी जयराम पर एक युवक के अपहरण में संलिप्त होने का आरोप है, जिस कारण उन्हें निलंबित किया गया था।